NDRF Team in Turkey and Syria

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6 फरवरी 2023 को तुर्की में आये भूकंप से मरने वालो की संख्या 45 हज़ार से ज्यादा हो गई है और 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए है। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 थी और इस दिन  अलग-अलग समय में कुल पाँच झटके महसूस किये गए थे। भूकम्प से राहत के लिए सबसे पहले मदद पहुँचाने वालो देशो में भारत भी शामिल था। भारत ने भी अपनी NDRF Team (टीम) को "ऑपरेशन दोस्त" के तहत तुर्की के लिए रवाना किया था।

NDRF की टीम तुर्की में राहत बचाव के बाद भारत लौट आयी है। पूरा विश्व NDRF की टीम के काम की प्रशंसा कर रहा है। चलिए जानते है “ऑपरेशन दोस्त” के तहत NDRF की टीम में कुल कितने लोग शामिल थे? और उन्होंने तुर्की में राहत बचाव कार्य किस तरह से पूरा किया।

तुर्की के लोगों ने NDRF टीम के सम्मान में तालियाँ बजाई
(Turkish People Clap in Honor of NDRF Team)

भारत ने “ऑपरेशन दोस्त” के तहत अपनी NDRF टीम को तुर्की रवाना किया था। तुर्की के लोग भारत के NDRF (National Disaster Response Force) टीम को शुक्रिया करते नजर आये। NDRF की टीम अब भारत लौट आयी है। तुर्की के लोगो ने Adana Airport पर उनके सम्मान में  तालियाँ बजायी। NDRF के अधिकारीयों ने भी तुर्की से लौटे NDRF की टीम का गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर फूल मालाओं के साथ स्वागत किया।

शिवानी अग्रवाल (Sub Inspecter of NDRF) ने क्या कहा?
(What did Shivani Agarwal (Sub Inspector of NDRF) say?)

NDRF की Sub Inspecter शिवानी अग्रवाल ने कहा की मेरी पूरी टीम वापस लौट आयी है, इसमें 5 महिलाये भी शामिल है। भूकंप की वजह से तुर्की की स्थिति बहुत गंभीर हो गई है , वहाँ भूकम्प वाले क्षेत्र में सबकुछ तबाह हो गया है। हमने भूकम्प से प्रभावित लोगो को जितना हो सका मदद किया और उनलोगो को भावनात्मक रूप से भी साथ दिया । इसके अलावा हमने राहत और बचाव कार्य में लगे सभी लोगो के साथ मिलकर एक टीम के रूप में काम किया।

NDRF की टीम में 151 जवानो के साथ डॉग स्क्वॉड भी शामिल था।
(The NDRF team also included dog squad along with 151 jawans)

तुर्की में भूकम्प राहत कार्य के लिए “ऑपरेशन दोस्त” के तहत NDRF की तीन टीमों में कुल 151 जवान शामिल थे। इसके अलावा इस टीम में जवानो के साथ डॉग स्क्वाड भी शामिल था। इस डॉग स्क्वॉड में चार डॉग शामिल थे, जिसका नाम है ली, हनी, रोमियो और रेम्बो, जिसने बचाव कार्य में बहुत ही बेहतरीन काम किया।

भारत ने ऑपरेशन दोस्त को किस तरह से पूरा किया?
(How did India Complete Operation Dost?)

6 फरवरी 2023 को तुर्की और सीरिया में आये भूकम्प की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 थी, जिसने तुर्की में बहुत तबाही मचाई। इसकी विध्वंश का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इससे मरने वालो की संख्या 45000 को भी पार कर गई है और 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए है। भारत की NDRF की टीम ने इस संकट की घड़ी में बहुत ही सराहनीय कार्य किया। भूकम्प से राहत के लिए सबसे पहले मदद पहुँचाने वालो देशों में भारत भी शामिल था। इसके लिए भारत ने “ऑपरेशन दोस्त” चलाया, जिसके तहत भारत ने अपनी NDRF टीम को तुर्की के लिए रवाना किया और पीड़ित लोगो को राहत सामग्री उपलब्ध कराया। भूकम्प से प्रभावित इलाकों में मोबाइल हॉस्पिटल चलाया गया और मलबे में दबे लोगो को निकालने का कार्य किया गया।

राहत सामग्री और विशेष उपकरण भी उपलब्ध कराया गया
(Relief Material and Special Equipment were also made Available)

“ऑपरेशन दोस्त” के तहत तुर्की में राहत बचाव के लिए गये NDRF की टीम में 151 जवानों के साथ डॉग स्क्वाड भी शामिल था। इस टीम के साथ 135 टन राहत सामग्री और विशेष उपकरण भी तुर्की पहुँचाया गया था। इन चिकित्सा सुविधाओं में पोर्टेबल ईसीजी मशीन, पेशेंट मॉनिटर और मेडिसिन इत्यादि भी शामिल थे। इन्होने गजियांटेप में बचाव कार्य किये, जिसमे मलबे से दबे हुए लोगो को बाहर निकालना, लोगो को जल्द से जल्द मेडिकल व्यवस्था उपलब्ध कराना, और बेघर हो गए लोगो को राहत शिविर में पहुँचाना, जबकि इस्केंडरन और हैटे में पीड़ितों के लिए मेडिकल सुबिधा उपलब्ध कराया। इसके तहत पीड़ितों के लिए इमरजेंसी वार्ड, पैथोलॉजी लैब और मेडिकल स्टोर की व्यवस्था कराई गई।

NDRF के जवान तीन अलग – अलग टीम के साथ वापस लौटे
(NDRF Personnel Returned with three different Teams)

151 जवानों की तीन टीमें 17, 18 और 19 फरवरी को भारत लौट आयी है। तीसरी और अंतिम टीम 19 फरवरी को 3:40 AM पर गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पहुंची। इस टीम में हेड कमांडर गुरमिंदर सिंह के अलावा 56 और जवान भी शामिल थे। NDRF के अधिकारियो ने इन जवानों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। फूल मालाओं के साथ उनका सम्मान किया गया और उनके स्वास्थ्य की जाँच की गयी। जवानों ने भी तुर्की में भूकम्प की वजह से आई तबाही के बारे में बताया।  

भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है 
(It is a Matter of Pride for Indians)

“ऑपरेशन दोस्त” के तहत 12 दिन तक राहत बचाव कार्य चला। तुर्की में माइनस तापमान में राहत बचाव कार्य करना अपने आप में एक चुनौती थी, जिसे भारत के NDRF टीम ने बेहतरीन ढंग से किया, जो की बहुत सराहनीय है और एक भारतीय होने के नाते गर्व की बात है।

भारत के द्वारा चलाये गए दूसरे ऑपरेशन
(Other Operations Conducted by India)

ऑपरेशन मैत्री 2015 (Operation Maitri 2015)

ऑपरेशन मैत्री साल 2015 में नेपाल में आये भूकंप के बाद भारत के द्वारा चलाया गया राहत बचाव कार्य था। इसके तहत 5188 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था और 785 विदेशी पर्यटकों को पारगमन वीज़ा दिया गया था ।

यह भारतीय सशस्त्र बलों के द्वारा चलाया गया अभियान था। भारत ने इस अभियान को नेपाल में भूकंप आने के 15 मिनट के बाद ही शुरू कर दिया था। इसकी शुरुआत 26 अप्रैल 2015 को हुआ था। इस अभियान में भारतीय सशस्त्र बल में मुख्य रूप से गोरखा रेजिमेंट शामिल थे।

ऑपरेशन गंगा 2022 (Operation Ganga 2022)

रूस यूक्रेन युद्ध के कारण यूक्रेन में फसे भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने के लिए चलाया गया अभियान ऑपरेशन गंगा था। यह एयर इंडिया के द्वारा चलाया गया था। यूक्रेन के अलावा उसके पड़ोसी देश रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया के सिमा से भी भारतीयों को सुरक्षित भारत लाया गया था। यूक्रेन में फँसे भारतीय स्टूडेंट्स को निकालने के लिए स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर का इंतजाम भी किया गया था।

ऑपरेशन देवी शक्ति (Operation Devi Shakti)

“ऑपरेशन देवी शक्ति” तालिबान के द्वारा अफगानिस्तान पर कब्ज़ा कर लेने के बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से भारतीयों को सुरक्षित भारत वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना के द्वारा चलाया गया ऑपरेशन था। इस ऑपरेशन की शुरुआत 16 अगस्त 2021 को हुआ था। इस अभियान के तहत 800 से ज्यादा भारतीयों को काबुल से सुरक्षित निकाला गया था।

वंदे भारत मिशन (Vande Bharat Mission)

वंदे भारत मिशन कोविड-19 महामारी के कारण सभी देशो में लॉकडाउन की स्थिति पैदा हो जाने की वजह से विदेशो में फँसे भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने के लिए शुरू किया गया मिशन था। यह अभियान मई 2020 में एयर इंडिया के द्वारा चलाया गया था। इसके तहत 62 लाख भारतीयों और दूसरे पडोसी देशो के नागरिको को भारत लाया गया था। 

एक के बाद एक पाँच झटके आए
(Five Aftershocks)

तुर्की में भूकंप के झटके 6 फरवरी 2023 को महसूस किया गया। पहला झटका सुबह 4.17 को आया था और इसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.8 थी।  भूकंप का मुख्य केंद्र गाजियांटेप था। लोग अभी इस झटके से संभल पाते की थोड़ी देर बाद दूसरा झटका भी आ गया, जिसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 6.4 थी। भूकंप के झटके यही तक नहीं रुके, इसके बाद तीसरा झटका भी आया, जिसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 6.5 थी। इन तीन झटको से तुर्की और सीरिया के कई प्रांतों में तबाही मच गयी।  इसके बाद शाम 4 बजे भूकंप का चौथा झटका भी आया, सबसे ज्यादा तबाही इसी झटके की वजह से हुआ था। इसके  डेढ़ घंटे बाद शाम को 5.30 बजे पाँचवाँ झटका आया। इस तरह से तुर्की और सीरिया में चारो तरह तबाही मच गई।

तुर्की के राजदूत ने भारत के लिए क्या कहा
(What did the Turkish Ambassador say for India)

इस भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी जी ने तुर्की के लिए संवेदना व्यक्त किया और तुर्की के लिए हर संभव सहायता देने का वादा किया।

तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल ने इसके लिए आभार प्रकट किया और उन्होंने ट्वीट कर कहा की “तुर्की और हिंदी में दोस्ती” यह दोस्ती के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला आम शब्द है। उन्होंने आगे कहा ही तुर्की में एक कहावत है, कि जरूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है। यही कहावत हमलोगो के यहाँ भी है की – “जरुरत पड़ने पर जो दोस्त साथ देता है वही सच्चा दोस्त होता है” 

NDRF के टीम में कितने जवान शामिल होते है
(How many Jawans join the NDRF Team?)

NDRF का फुल फॉर्म होता है National Disaster Response Force इसका मुख्यालय दिल्ली के अंत्योदय भवन में है। यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसके Head DG level के IPC अधिकारी होते है। इसमें कुल 16 बटालियन के जवान होते है, जिसमें से BSF और CRPF के तीन-तीन बटालियन होते है। इसमें  CISF,  ITBP और सशस्त्र सीमा बल के दो-दो  बटालियन होते है। इसके अलावा असम राइफल्स के एक बटालियन भी शामिल होता है। एक बटालियन में 1149 जवान और अधिकारी शामिल होते है और हर बटालियन के पास 45 सदस्यों की कम से कम 18 टीमें होती है, जिसमें इंजीनियर, डॉक्टर और डॉग स्क्वाड भी शामिल होते है।

NDRF का गठन
(Formation of NDRF)

NDRF (National Disaster Response Force) का गठन 2006  में हुआ था। यह डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के अंतर्गत आता है। यह क्रेन्द्र सरकार के अंतर्गत आने वाली सबसे बड़ी राहत और बचाव कार्य की टीम  है। इसमें अलग अलग फोर्स  के कुल 16 बटालियन शामिल होते है। यह देश के अलग अलग हिस्सों में तैनात होती है। इन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दिया जाता है, जिससे कि यह किसी भी राहत और बचाव कार्य को कम से कम समय में पूरा करते है और प्रभावित जगहों को नुकसान होने से बचाते है।

NDRF की टीम कहाँ तैनात रहती है
(Where is the NDRF Team Stationed)

  • NDRF की पहली बटालियन गुवाहाटी, असम में तैनात रहती है, यहाँ BSF के जवान हर समय मुस्तैद रहते है।
  • दूसरी बटालियन पश्चिम बंगाल के नदिया में तैनात रहती है। यहाँ भी BSF के जवान तैनात रहते है।
  • तीसरी बटालियन की तैनाती ओडिशा के कट्टक में होता है, इसमें CISF के जवान तैनात रहते है।
  • चौथी बटालियन की तैनाती तमिलनाडु के वेल्लोर में होता है, इसमें भी CISF के जवान ही तैनात होते है।
  • पांचवे बटालियन की तैनाती महाराष्ट्र के पुणे में होता है, इसमें में भी CISF के जवान तैनात रहते है। 
  • छठीं बटालियनकी तैनाती गुजरात के वड़ोदरा में होता है, इसमें सीआरपीएफ के जवान तैनात रहते है।
  • सातवीं बटालियन की तैनाती भटिंडा में होता है और इसमें आईटीबीपी के जवान तैनात रहते है।
  • आठवीं बटालियन की तैनाती गाजियाबाद में होता है और इसमें भी आईटीबीपी के जवान ही शामिल होते है।

इसके अलावा इसकी तैनाती पटना (बिहार), गुंटूर (आंध्र प्रदेश), वाराणसी (UP), इटानगर (अरुणाचल प्रदेश ) में होती है।

तुर्की में इतना ज्यादा भूकंप क्यों आता है
(Why are there so many Earthquakes in Turkey?) 

पृथ्वी की सबसे बाहरी परत सात बड़े टुकड़ों से बना है, जिसे टेक्टोनिक प्लेट्स कहते है। इनकी सीमाओं को फाल्ट लाइन्स कहते है। इन फाल्ट लाइन्स में किसी भी तरह के हलचल के कारण भूकंप आता है। जब टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती है, तो घर्षण की वजह से ऊर्जा बाहर निकलती है। जिसके वजह से भूकंप आता है। तुर्की की भौगोलिक स्थिति ही यहाँ भूकंप आने का कारण है। यह चार  टेक्टोनिक प्लेटो पर स्थित है। किसी भी प्लेट में जरा सी हलचल होने से यहाँ भूकंप आने की संभावना बढ़ जाती है।

FAQ‘s

6 फरवरी 2023 को तुर्की में आये भूकंप की तीव्रता क्या थी?

इस भूकंप की तीव्रता 7.8 रिएक्टर स्केल थी।

तुर्की में भूकंप के राहत और बचाव कार्य को क्या नाम दिया गया था।

ऑपरेशन दोस्त

ऑपरेशन दोस्त में NDRF के कितने जवान और डॉग्स स्क्वाड शामिल थे?

151 जवान और 4 डॉग्स

ऑपरेशन दोस्त में शामिल डॉग्स का नाम क्या है ?

ली, हनी, रोमियो और रेम्बो

ऑपरेशन मैत्री का सम्बध किस देश से  है ?

यह साल 2015  में नेपाल में आये भूकंप के बाद भारत के तरफ से राहत और बचाव अभियान था

ऑपरेशन दोस्त का सम्बन्ध किस देश से है ?

यह तुर्की में आये भूकंप के बाद भारत के द्वारा चलाया गया राहत और बचाव अभियान है

NDRF का मुख्यालय कहाँ है

इसका मुख्यालय दिल्ली में है और यह केंद्र सरकार के अन्तगर्त आता है

NDRF में विभिन्न फ़ोर्सेस के कितने बटालियन शामिल होते है ?

16  बटालियन 

निष्कर्ष
(Conclusion)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है और इस पर किसी का कोई वश नहीं चलता है। अभी जो तुर्की और सीरिया के हालात है, यह हालात किसी देश के साथ भी हो सकता है। इसलिए इस आपदा से प्रभावित देशो को मदद करना हमारा कर्तव्य है। भारत इन आपदाओं में मदद करने वालो देशो में हमेशा आगे रहा है। वह चाहे 2023 का तुर्की भूकंप हो या 2015 का नेपाल भूकंप। भारत ने मुसीबत की घडी में इन देशो को हर संभव मदद किया है।

इस आर्टिकल में हमने जाना कि तुर्की में भूकंप आने के बाद भारत की NDRF टीम ने किस तरह से तुर्की में राहत और बचाव कार्य को अंजाम दिया। NDRF टीम के बारे में भी विस्तार से जाना।

आशा करते है कि आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी। मिलते है हम अगले आर्टिकल में, एक नए टॉपिक के साथ। nayisochonline पर जाकर आप और ब्लोग्स पढ़ सकते हैं। धन्यवाद!

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