अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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महिलाएं समाज का आइना होती है। समाज के निर्माण में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भी बराबर की भूमिका होती है, लेकिन उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाता, जिसकी वे हकदार है। महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को दूर करना और उन्हें  समाज में बराबरी का हक़ दिलाना ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) का मुख्य उदेश्य है। 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है, इस दिन समाज और देश के विकास में महिलाओं के योगदान को याद किया जाता है और उन्हें उनके अधिकारों और सम्मान के प्रति जागरूक किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत कैसे हुई, हर साल 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है, इस साल इस दिवस की थीम क्या है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य और महत्व क्या है? यह सब विस्तार से जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़िए।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है ? (When is International Women’s Day celebrated?)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का सुझाव सबसे पहले क्लारा ज़ेटकिन ने साल 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में महिलाओं के एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दिया था। वर्ष 1911 में ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क में पहली बार इसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया गया। साल 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे हर वर्ष मनाने की घोषणा की और तब से इस दिवस को दुनिया के तमाम देशों के द्वारा अलग-अलग तरीके से मनाया जाने लगा। वर्ष 1996 में पहली बार इस दिवस के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक थीम रखी गई और इस दिन के बाद से हर साल इस दिवस के लिए एक थीम की घोषणा की जाती है।

8 मार्च को ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why is International Women’s Day celebrated only on 8 March?)

शुरुआत में जब क्लारा ज़ेटकिन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया, तो इसके लिए कोई विशेष तारीख निर्धारित नहीं की गई थी। इस दिवस के लिए तारीख निर्धारित तब की गयी, जब रूस की महिलाओं ने “रोटी और अमन” की मांग करते हुए जार निकोलस द्वितीय के खिलाफ आंदोलन किया था। इस आंदोलन के बाद जार निकोलस द्वितीय को अपना राज्य छोड़ना पड़ा और उसके बाद महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी दिया गया। रूस में जब यह आंदोलन हुआ तो वहां के जूलियन कैलेंडर के अनुसार वह दिन “23 फरवरी” था, लेकिन ज्यादातर देशों में इस्तेमाल होने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार वह दिन “8 मार्च” था। इसलिए तभी से 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा।

International Women’s Day

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास (History of International Women’s Day)

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद 1910 में  क्लारा जेटकिन के द्वारा रखी गई थी। इसकी शुरुआत मजदूर आंदोलन के तौर पर हुई थी, जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र ने इसे हर साल मनाने की घोषणा कर  दी। साल 1908 में न्यूयार्क में करीब 15 हज़ार महिलाओं ने एक आंदोलन की थी, जिसकी मांग थी, महिलाओं के काम करने के घण्टे को काम किए जाएँ, उन्हें अच्छी तनख्वाह मिले और उन्हें वोट देने का अधिकार भी दिया जाए। इसके एक साल बाद साल 1911 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा की, जो बाद में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बन गया। इसे अंतर्राष्ट्रीय बनाने का श्रेय “क्लारा ज़ेटकिन” को जाता है।

क्लारा ज़ेटकिन एक वामपंथी कार्यकर्ता थी और वह हमेशा महिलाओं के हक़ के लिए अबाज उठाने का काम करती थी। उन्होंने  साल 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में महिलाओं के एक सम्मलेन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया था। इस सम्मलेन में 17 देशों से 100 महिलाएं प्रतिनीधि के रूप में शामिल थे। उन्होंने सर्वसम्मति से इस दिवस को मनाने का फैसला किया। साल 1911 में पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया। साल 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को हर साल मनाने की घोषणा की थी, तभी से यह दिवस दुनिया के तमाम देशों के द्वारा हर साल 8 मार्च को मनाया जाने लगा।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य और महत्व (Purpose and importance of International Women’s Day)

वर्तमान में महिलाएं समाज के साथ-साथ देश के निर्माण में भी अपना योगदान दे रही हैं। महिलाएं अब घर कि चार दीवारी तक ही सीमित नहीं है। वह इन चार दीवारी से बाहर निकल कर हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है। खेल से लेकर मनोरंजन तक, राजनीती से लेकर विज्ञान तक, हर क्षेत्र में महिलाओं ने सफलता हासिल की है। इसके आलावा महिलाएं देश विदेश में बड़ी बड़ी भूमिकाओं में नजर आई है। आज दुनिया के तमाम देश पहले से अधिक जागरूक हुए है, लेकिन कई मामलों में उन्हें जो सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाया है। हर क्षेत्र में महिलाओ के भागीदारी को बढ़ाने, महिलाओं के प्रति समाज को जागरूक करने और उन्हें उचित सम्मान और अधिकार दिलाने के उदेश्य से ही हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाता है।  

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कैसे मनाया जाता है? (How is International Women’s Day celebrated?)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का स्वरूप आजकल बहुत बदल गया है। दुनिया के हर देश में इसे अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिवस के मौके पर कई देशो में अवकाश रहता है। रूस में इस दिन अवकाश होता है, जबकि चीन में इस दिन महिलाओं को आधे दिन की छुट्टी होती है। इटली में इस दिन को “ला फेस्टा डेला डोना” के नाम से मनाया जाता है, इसमें महिलाओं को मिमोसा (छुईमुई) के फूल देकर सम्मानित किया जाता है। अमेरिका में मार्च के महीना को महिलाओं का महीना माना जाता है। इस दिन हर साल अमेरिका के राष्ट्रपति अमेरिकी महिलाओं की उपलब्धियों के बारे में बखान करते है और अन्य महिलाओं को भी इसके लिए प्रेरित करते है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 का थीम क्या है? (What is the Theme of International Women’s Day 2023?)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए इस साल 2023 की Theme है “एम्ब्रेस इक्विटी” इसका मतलब है कि महिलाओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के साथ ही इक्विटी भी बहुत महत्वपूर्ण है। समानता का मतलब है हर व्यक्ति के लिए सामान अवसर और संसाधन उपलब्ध कराना, जबकि इक्विटी का मतलब है कि सामान स्तर तक पहुँचने के लिए उसकी परिस्थिति के अनुसार जरुरी संसाधन और अवसर प्रदान कराना। साल 2022 के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम थी  “Gender Equality Today For A Sustainable Tomorrow” इस Theme का अर्थ है कि “एक स्थाई और समान कल के लिए समाज में लैंगिक समानता जरुरी है”

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की जरुरत क्यों है? (Why is International Women’s Day needed?)

दुनिया के कई देशो में युद्ध, हिंसा और असमानता की वजह से महिलाएं आज भी अपने अधिकारों से वंचित रह जाती है। उन्हें उच्च शिक्षा हासिल करने से रोका जाता है, बिना किसी पुरुष संरक्षक के लम्बी दूरी की यात्रा करने से भी रोका जाता है। लड़कियों को घर के बाहर काम करने से रोका जाता है और उन्हें घर से बाहर निकलने पर चेहरे को ढँक कर रखना पड़ता है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है ताकि महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को दूर किया जा सके और उन्हें उचित सम्मान और अधिकार मिल सके।  

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का रंग (Color of international Women’s Day)

जामुनी, हरा और सफ़ेद रंग को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रंगों के रूप में जाना जाता है, क्योंकि जामुनी रंग “इंसाफ और सम्मान” का प्रतीक माना जाता है। हरा रंग “उम्मीद” और सफ़ेद रंग “शुद्धता” का प्रतीक होता है। हालांकि ऐसा भी कहा जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए इन रंगो कि शुरुआत साल 1908 में ब्रिटेन में महिला सामाजिक और राजनीतिक संघ (WSPU) के द्वारा की गई थी।

दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिला 2022 (World Most Powerful Women 2022)

फोर्ब्स ने साल 2022 के लिए दुनिया की 100 सबसे पावरफुल महिलाओं की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में कुल 11 अरबपति भी शामिल है, जिनकी कुल संपत्ति 115 अरब डॉलर है। इस लिस्ट में 6 भारतीय भी शामिल है। इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 36वें, एचसीएल टेक की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा 53वें, सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच 54वें, सेल की चेयरपर्सन सोमा मंडल 67वें, बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ 72वें और नाइका की संस्थापक फाल्गुनी नायर 89वें स्थान पर हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार चौथी बार इस लिस्ट में जगह बनाई है। वह साल 2019 में 34वें, साल 2020 में  41वें और 2021 में 37वें  स्थान पर थी। इस लिस्ट में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन सबसे ऊपर है। इसके बाद यूरोपीय सेंट्रल बैंक की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड दूसरे स्थान पर जबकि अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर है।

क्या अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस भी मनाया जाता है? (Is International Men’s Day also celebrated?)

बहुत से लोगों को यह मालूम नहीं होता है कि जिस तरह हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, उसी तरह हर साल 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस भी मनाया जाता है, इसकी शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी, लेकिन अभी इसे संयुक्त राष्ट्र से मान्यता नहीं मिली है। इस दिवस को दुनिया के 80 से ज्यादा देशों के द्वारा “परिवार और समुदाय की बेहतरी  के लिए पुरुषों के सकारात्मक योगदान” के तौर पर मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया को पुरुषों के द्वारा किये गए कार्यों के बारे में बताना, पुरुषों के बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण की कामना करना और पुरुषों और महिलाओं के बीच के आपसी रिश्तो को बेहतर बनाना है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की तरह ही अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के लिए भी हर साल एक Theme निर्धारित की जाती है। साल 2022 के लिए इस दिवस की थीम है “Helping Men and Boys” इसका मतलब है “पुरुषों और लड़कों की मदद करना” इस Theme का उदेश्य है दुनिया में पुरुषों के स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है?

8 मार्च

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार कब मनाया गया था?

साल 1910 में 

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस कब मनाया जाता है?

19 नवंबर

संयुक्त राष्ट्र ने किस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल मनाने की घोषणा की?

वर्ष 1975 में

निष्कर्ष (Conclusion)

महिलाएं समाज का आईना होती हैं, जिस समाज में महिलाओं को उचित सम्मान और अधिकार दिए गए हैं, उस समाज का विकास बहुत तेजी से हुआ है। महिलाओं को उनका अधिकार मिलने पर वह उच्च शिक्षा ग्रहण कर समाज और राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समाज और देश के निर्माण में उनकी भागीदारी  को बढ़ाने और उन्हें उचित सम्मान दिलाने के उदेश्य से ही हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।  

इस आर्टिकल में हमने जाना कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) कब मनाया जाता है, इसे क्यों मनाया जाता है, इसकी शुरुआत कब से हुई और इस दिवस को मनाने का उदेश्य और महत्व क्या है। उम्मीद करते है आपको अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में यह जानकारी अच्छी लगी होगी। ऐसी ही नई नई जानकारियों के लिए NayiSochOnline के दूसरे आर्टिकल को भो पढ़ सकते हैं। अगर इस आर्टिकल से सम्बंधित आपका कोई सवाल हो तो आप कमेंट करके बता सकते है। इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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