Story Writing In HIndi

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Story Writing in Hindi हमारे देश भारत में बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। यहाँ कहानी सुनने और सुनाने की परंपरा बहुत पुरानी है। हर उम्र के लोग कहानी सुनना पसंद करते है, इसलिए कहानी का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बच्चे लोग बहुत चाव से कहानियाँ सुनते है और उनके बिच दादी और नानी कि कहानियाँ बहुत ज्यादा लोकप्रिय है।

कहानी लेखन एक कला है और सभी लेखकों का कहानी लिखने का तरीका अलग – अलग होता है। लेखक अपनी कल्पना और भाषा शैली से किसी पात्र को प्रभावशाली बना सकता है। कोई कहानी कितनी अच्छी लिखी गयी है यह लेखक के कल्पना, भाषा शैली, वर्णन करने की क्षमता पर निर्भर करती है। तो आईये समझते है कि Story Writing in Hindi क्या है?

हिंदी कहानी लेखन क्या है? (Story Writing in Hindi Kya Hai)

Story Writing in Hindi एक कला है, जिसके माध्यम से जीवन के किसी घटना को लिखित रूप में प्रस्तुत किया जाता है। ये घटनाएं सच्ची भी हो सकती है या कहानी लेखक की कल्पना मात्र भी हो सकती है। इसका मुख्य उद्देश्य मनोरंजन के साथ साथ कुछ ना कुछ शिक्षा देना होता है।

कहानी लिखते समय ध्यान देने वाली बाते (Things to Keep in Mind)

  • कहानी के लिए एक अच्छा सा शीर्षक लिखे, जिसे देखने से ही यह पता लग जाये कि पूरी कहानी किस बारे में है।
  • आसान और सरल भाषा का इस्तेमाल करे, जिससे हर कोई आपके कहानी को समझ सके।
  • कहानी की शुरुआत ऐसी होनी चाहिए, जिससे लोगो के मन में पूरी कहानी पढ़ने की इच्छा जगे। 
  • कहानी का अंत खुशनुमा होना चाहिए, जिससे पढ़ने वाले इसे ज्यादा पसंद करे। 
  • आपके कहानी का कुछ ना कुछ उद्देश्य होना चाहिए, मतलब आपके कहानी से लोगो को कुछ ना कुछ शिक्षा मिले।
  • हर प्रसंग को सतुलित विस्तार दे, किसी प्रसंग को अत्यंत संक्षिप्त और किसी को अनावश्यक विस्तृत ना लिखे। 
  • हर प्रसंग और धटनाओं का एक दूसरे के साथ परस्पर संबंध हो।
  • कहानी को जितना हो सके रोचक बनाने का कोशिश करे।
  • एक रुपरेखा के अंदर ही कहानी का विस्तार करे।

कहानी लेखन तत्व (Story Writing Elements)

Story Writing in HIndi के बारे में जानने से पहले इसके Elements के बारे में जानना जरुरी है। मुख्य रूप से इसके 7 Elements है। इन Elements को बिना समझे आप Hindi Blog Writing भी नहीं कर सकते है।

1. पात्र (Character)

एक अच्छी कहानी में बेहतरीन पात्रों का होना बहुत जरुरी है, क्यूँकि किसी कहानी को याद रखने से ज्यादा हम उनके पात्रों को याद रखते है। लेखक कहानी के समय और परिवेश के अनुसार से उनके पात्रों का भी नाम रखते है। अगर कहानी किसी गांव की है तो पात्रों का नाम भी उसी के अनुसार ही होगा। 

2. विषयवस्तु (Theme)

किसी कहानी के लिए एक अच्छे विषयवस्तु का होना बहुत जरुरी है। इसके बिना कहानी का कोई अस्तित्व ही नहीं है। इसके अंतगर्त कहानी की मुख्य धटना, पात्रों का कार्य क्षेत्र, कहानी का मुख्य उद्देश्य इत्यादि आता है। किसी कहानी का आरंभ और अंत किस तरह से करना ये सब कहानी के विषयवस्तु पर निर्भर करता है।

3. चरित्र चित्रण (Character sketch)

पात्र और विषयवस्तु के बाद पात्रों का चरित्र चित्रण किसी कहानी में बड़ी भूमिका रखता है। कहानी में पात्रों का संवाद, सोच, और कार्यक्षेत्र उनके चरित्र चित्रण भर निर्भर करता है की कहानी में कौन नायक और कौन खलनायक। किसे किस तरह का संवाद करना है यह उसके पात्रों के चरित्र पर निर्भर करता है।

4. संवाद (Dialogue)

संवाद से ही कोई कहानी आगे बढ़ती है, इसके बिना किसी कहानी की कल्पना ही नहीं की जा सकती। किस पात्र को क्या बोलना है, कितना बोलना होता है, यह पात्रों के चरित्र चित्रण और परिवेश पर भी निर्भर करता है, जैसे अगर कोई नायक है तो उसका सवांद नायक की तरह होनी चाहिए और खलनायक का संवाद खलनायक की तरह। गांव का परिवेश होने पर कहानी में पात्रों का संवाद भी गांव में बोले जाने वाली भाषा के अनुसार होनी चाहिए। संवाद किसी कहानी को रोचक बनाने में सहायक होती है और यह कहानी के पात्रों का चरित्र भी बतलाती है। कहानी में पात्रों का संवाद ऐसी होनी चाहिए की पढ़ने वालो को उनका संवाद आसानी से समझ आये।

5. परिवेश (Environment)

किसी कहानी के परिवेश पर ही पात्रों का नाम, उनका संवाद इत्यादि निर्भर करता है। अगर आप आधुनिक परिवेश पर कहानी लिख रहे है तो पात्रों का नाम और उनका संवांद आज के दौर का होना चाहिए।

6. भाषा शैली (Language Style)

कहानी की भाषा शैली कहानी को रोचक बनाने में मुख्य भूमिका रखती है। यह मुख्य रूप से कहानी के परिवेश और समय पर भी निर्भर करती है। कहनी के परिवेश के अनुसार भाषा का इस्तेमाल और समय के अनुसार सही शब्दों का चयन करना बहुत जरुरी है। कहानी से भाषा की भी पहचान बढ़ती है, इसलिए यह कहानी के महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है। 

7. उद्देश्य (Purpose)

कहानियाँ मनोरंजन का साधन होता है, लेकिन हर कहानी का कुछ ना कुछ उद्देश्य होना चाहिए, इससे कुछ ना कुछ शिक्षा मिलनी चाहिए। कहा जाता है कि कहानियाँ समाज का आईना होती है, समाज के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कहानी के उद्देश्य पर पात्रों का संवाद, घटनाएं इत्यादि निर्भर करती है।

कहानी लेखन के प्रकार (Types of Story Writing in Hindi)

प्रधानता के आधार पर कहानी मुख्य रूप 5 तरह के होते है।

1. घटना प्रधान कहानी (Episodic Story)

घटना प्रधान कहानियों में किसी व्यक्ति के जीवन में घटने वाली धटनाओँ के बारे में विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है। इस तरह की कहानियों का मुख्य उद्देश्य पाठको का मनोरंजन होता है, इसमें पात्रो के भाव पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। तिलिस्मी कहानियाँ, रहस्यमयी कहानियाँ इत्यादि घटना प्रधान कहानियों के अंतरगर्त आता है।  

2. चरित्र प्रधान कहानी (Character Driven Story)

चरित्र प्रधान कहानियों में धटनाओँ की तुलना में पात्रों के चरित्र चित्रण पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। इसमें पूरी कहानी पात्रो के भावो और विचारो के इर्द गिर्द घूमती रहती है। इस तरह की कहानी का मुख्य उद्देश्य पाठको के विचारों और भावनाओं को जागृत करना होता है। 

3. वातावरण प्रधान कहानी (Atmospheric Story)

वातावरण प्रधान कहानियों में किसी वातावरण या परिवेश पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है। इस तरह की कहानियाँ किसी विशेष साल, मौसम या युग पर आधारित होता है। जैसे – प्रेमचंद्र जी के द्वारा लिखित कहानी “पूस की रात” में पूस की  कड़कड़ाती ठंड के बारे में बताया गया है।

4. भाव प्रधान कहानी (Emotional Story)

भाव प्रधान कहानियों में पात्रो या घटनाओ की तुलना में किसी एक भाव या विचार पर ध्यान दिया जाता है। पूरी कहानी उसी भाव के इर्द गिर्द घूमती है। इसमें मुख्य रूप से प्रेम कहानियाँ और लघु कथाएँ आती है। लघु कथाएँ में किसी एक भाव को चित्रित किया जाता है, इसमें पात्रो का चरित चित्रण या किसी खास घटना का जिक्र नहीं होता है।

5. मनोविश्लेषणात्मक कहानी (Psychoanalytics Story)

मनोविश्लेषणात्मक कहानियों में व्यक्ति के मनोविश्लेषण पर अधिक ध्यान दिया जाता है। इसमें मुख्य रूप से मानसिक असमंजस के बारे  बात की जाती है, कि जीवन के विभिन्न परिस्थितियो में किस तरह से निर्णय लिया जाये। इस तरह की कहानियों का मुख्य उद्देश्य लोगो की चेतना को जागृत करना और उनका मानसिक विकास करना होता है।

कहानी लेखन की विधियाँ (Story Writing Methods)

कहानी लिखने से आपके सोचने समझने की क्षमता विकसित होती है, इसलिए अगर आप भी कहानी लिखना चाहते है, तो आप निचे दिए गए चार विधियों द्वारा कहानी लिखने का अभ्यास कर सकते हो।

1. कहानी की सहायता से कहानी लिखना

कहानी लिखने का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले किसी कहानी को अपने शब्दों में लिखने का प्रयास करे। इसके लिए कहानी को गौरपूर्वक पढ़े और उसके सभी पात्रो और धटनाओं को याद कर ले, हो सके तो उसे अपने नोटबुक में नोट कर ले। उसके बाद उस कहानी को अपने शब्दों में लिखे। कहानी लिखते समय ध्यान रखे की कोई भी महत्वपूर्ण घटना या प्रसंग छूटने ना पाये, साथ ही आपकी कहानी मूल कहानी से बड़ी नहीं होनी चाहिए।

2. रुपरेखा के आधार पर कहानी लिखना

इस विधि में किसी दी गयी रुपरेखा के आधार पर एक कहानी लिखनी होती है। इसके लिए आपकी कल्पना शक्ति बहुत अच्छी होनी चाहिए। आपको दिए गए रूपरेखा को एक क्रम में मिलाकर कहानी लिखनी होती है।

3. अधूरी कहानी को पूरा करना

इसमें आपको कोई एक अधूरी कहानी दी जाती है और उसके आधार पर उस कहानी को पूरी करनी होती है। इसके लिए भी आपकी सोचने समझने की क्षमता अच्छी होनी चाहिए। अधूरी कहानी के क्रम को समझते हुए अपने कल्पना के आधार पर कहानी को पूरी करनी होती है। इस तरह की कहानी लिखते समय ध्यान रखे की कहानी का क्रम सही हो और एक दूसरे से परस्पर सम्बंधित हो।

4. चित्र की सहायता से कहानी लिखना

जब भी आप किसी चित्र को देखते है तो आपके मन में बहुत सारे भाव उत्पन्न होते है। उन्ही भावो को कल्पना कर आपको एक कहानी का निर्माण करना होता है। इस विधि से कहानी लिखने के लिए सबसे जरुरी चीज यह है की आप किसी चित्र को देख कर किस तरह की कल्पना कर सकते है।  

कहानी लेखन मुख्य विशेषता (Story Writing Key Features)

  • कहानियाँ मनोरंजन का साधन है लेकिन हर कहानी का कुछ ना कुछ उद्देश्य होना चाहिए, जिससे लोगो को कुछ शिक्षा मिले। 
  • कहानियाँ समाज का आइना होता है, इसलिए कहानी लिखते समय समाज में घट रही धटनाओ का भी ध्यान रखना चाहिए।
  • कहानी लिखते समय किसी तरह की धार्मिक या राजनैतिक विचारो को नजरअंदाज करना चाहिए।
  • सबसे महत्वपूर्ण यह है की जो भी लिखे वह बिलकुल सत्य है, गलत जानकारी ना दे।

निष्कर्ष (Conclusion)

कहानी का मुख्य उद्देश्य मनोरंजन के साथ लोगो को कुछ शिक्षा देना होता है, यह समाज के विकास में मुख्य भूमिका रखती है। कहानी के उद्देश्य और परिवेश के आधार पर इसके पात्रों का चयन और उनका चरित्र चित्रण किया जाता है। इस आर्टिकल में मैंने बताया है कि Story Writing in Hindi क्या है, इसके Elements, Types, और Methods क्या है? आपको यह जानकारी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताये और अगर अच्छी लगी तो दूसरे लोगो को भी शेयर करे। धन्यवाद।

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