Jaya Bachchan Biography in Hindi: जया बच्चन अपने समय की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक थीं। शादी से पहले उनका नाम जया भादुड़ी था। अपने अभिनय के दम पर उन्होंने पुरे भारत में अपना एक सम्मानजनक स्थान बनाया है। उन्होंने महज 15 साल की उम्र में अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और अपने फिल्मी करियर में उन्हें 9 बार फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 18 साल के लम्बे ब्रेक के बाद 90 के दशक में जब उन्होंने फिल्मों में दोबारा वापसी की तो उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मो में काम किया और इन फिल्मों के लिए भी कई पुरस्कार भी जीते।
अभिनय के साथ-साथ उन्होंने राजनितिक क्षेत्र में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने साल 2004 में समाजवादी पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और वह अब तक चार बार राज्यसभा की सदस्य रह चुकी हैं। यह आर्टिकल जया बच्चन के जीवन परिचय (Jaya Bachchan Biography in Hindi) के बारे में है। जया बच्चन के जन्म, शिक्षा, फिल्मी करियर और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पढ़िए।
जया बच्चन की पारिवारिक पृष्ठभूमि (Jaya Bachchan Family Background)
जया बच्चन का जन्म 9 अप्रैल 1948 को जबलपुर, मध्य प्रदेश में हुआ था और विवाह से पहले उनका नाम जया भादुड़ी था। उनके पिता का नाम तरुण भादुड़ी था, जो एक लेखक, पत्रकार और स्टेज कलाकार थे। उनकी माता का नाम इंदिरा भादुड़ी था, जो एक गृहिणी थी। जया बच्चन की दो छोटी बहनें है, जिसका नाम नीता भादुड़ी और रीता भादुड़ी है।
साल 1973 में उनकी शादी सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन से हुई थी। उनके बेटे का नाम अभिषेक बच्चन है, जो एक जाने-माने फिल्म अभिनेता हैं। उनकी बेटी का नाम श्वेता बच्चन है, जिनकी शादी कपूर परिवार के उद्योगपति पोते निखिल नंदा से हुआ है। श्वेता बच्चन के दो बच्चे है जिनका नाम नव्या नवेली और अगस्त्य नंदा है। अभिषेक बच्चन ने ऐश्वर्या राय से शादी की है और उनकी एक बेटी है, जिसका नाम आराध्या बच्चन है।
एक ही परिवार में चार सुपरस्टार होने की वजह से आज बच्चन परिवार फिल्म जगत के सबसे प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित परिवारों में से एक है। सुपरस्टार्स से भरे इस परिवार में जया बच्चन का अपना एक अलग स्थान है उन्होंने फिल्मी दुनिया के साथ-साथ राजनीतिक जीवन में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
जया बच्चन की शिक्षा (Jaya Bachchan Education)
जया बच्चन ने अपनी स्कूली शिक्षा जबलपुर से नहीं बल्कि भोपाल के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की। पढाई के दौरान साल 1966 में उन्हें बेस्ट इंडिया एनसीसी कैडेट का पुरस्कार मिला था। स्कूल की पढ़ाई के समय ही उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि उनके अंदर अभिनय करने की प्रतिभा है।
अभिनय में रूचि के कारण, उन्होंने अपना स्नातक पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से करने का फैसला किया। यहां उन्होंने अभिनय की बारीकियां सीखीं। इसके अलावा उन्होंने 6 साल तक भरतनाट्यम का परिक्षण भी ली थी। पढ़ाई के समय से ही उनके अंदर लीडरशिप की क्वालिटी थी, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह स्कूल की पढ़ाई के समय अपने क्लास की हेड गर्ल अर्थात मॉनिटर भी रह चुकी हैं।
जया बच्चन का फिल्मी करियर (Jaya Bachchan Filmy Career)
जया बच्चन अपने फिल्मी करियर की शुरुआत महज 15 साल की उम्र में एक बंगाली फिल्म “महानगर” से की थी, जिसका निर्देशन “सत्यजीत रे” द्वारा किया गया था। इस फिल्म में उन्होंने एक सहायक अभिनेत्री के रूप में काम किया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर तो कुछ खास नहीं कर पाई, लेकिन उन्होंने इस फिल्म के माध्यम से अपने अभिनय कौशल को साबित किया। जिसके कारण उन्हें दो और बंगाली फिल्मों में काम करने का मौका मिला।
इसके बाद उन्होंने फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे से अभिनय सीखने का फैसला किया और इस फैसले में उनके परिवार ने भी उन्हें पूरा सहयोग किया। वहां से अभिनय सिखने के बाद वह मुम्बई आ गई जहां उन्हें हिंदी फिल्मों में काम करने का मौका मिला। हिंदी फिल्मों में उनकी पहली फिल्म “गुड्डी” थी, जिसे ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित किया गया था। इसके बाद उन्होंने जवानी दीवानी, उपकार, अनामिका और बावर्ची जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया।
इसके अलावा उन्होंने जंजीर, अभिमान, चुपके चुपके और शोले जैसे सुपरहिट फिल्मों में अमिताभ बच्चन के साथ भी काम किया। अमिताभ बच्चन से शादी के बाद उन्होंने फिल्मों से ब्रेक ले लिया। 18 साल बाद जब वह दोबारा फिल्मों में लौटीं तो उन्होंने फिर कभी खुशी कभी गम, कल हो ना हो, लगा चुनरी में दाग और फिजा जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया और कई पुरस्कार जीते।
जया बच्चन का राजनीतिक करियर (Jaya Bachchan Political Career)
जया बच्चन साल 2004 से समाजवादी पार्टी से राज्यसभा की सदस्य हैं और वह अब तक चार बार राज्यसभा की सदस्य रह चुकी हैं। साल 2004 में वह पहली बार समाजवादी पार्टी से सांसद बनीं और वह मार्च 2006 तक राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। राज्यसभा के सदस्य के रूप में उनका पहला कार्यकाल बहुत अच्छा रहा इसलिए उन्हें फिर से साल 2006 में दूसरे कार्यकाल के लिए समाजवादी पार्टी द्वारा राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित किया गया। उनका यह कार्यकाल जून 2006 से जुलाई 2010 तक रहा।
साल 2012 में जया बच्चन को तीसरी बार राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित किया गया और उसने अगले 6 साल तक (साल 2018 तक) राज्यसभा में समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। साल 2018 में समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर जया बच्चन पर भरोसा जताया और एक बार फिर उन्हें चौथे कार्यकाल के लिए राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित किया गया।
जया बच्चन की लोकप्रिय फिल्म (Jaya Bachchan Popular Movies)
महानगर (1963)
उपहार (1971)
साल 1971 में बनी फिल्म “उपहार” का निर्देशन सुधेन्दु रॉय द्वारा किया गया था। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ स्वरुप दत्ता और सुरेश चटवाल मुख्य भूमिका में थे।
जय जवान जय मकान 1971)
गुड्डी (1971)
साल 1971 में रिलीज हुई फिल्म “गुड्डी” का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा किया गया था। यह जया बच्चन की पहली हिंदी फिल्म थी। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ धर्मेन्द्र और उत्पल दत्त मुख्य भूमिका में थे।
धन्यी मेये (1971)
शोर (1972)
साल 1972 में आई फिल्म “शोर” के निर्देशक, निर्माता और लेखक स्वयं मनोज कुमार थे। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ मनोज कुमार मुख्य भूमिका में थे।
समाधि (1972)
कोशिश (1972)
जवानी दिवानी (1972)
एक नजर (1972)
बावर्ची (1972)
साल 1972 में बनी फिल्म “बावर्ची” एक हास्य हिंदी फिल्म है और इस फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा किया गया था। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ राजेश खन्ना और असरानी मुख्य भूमिका में थे।
बंसी बिरजू (1972)
अन्नदाता (1972)
पिया का घर (1972)
परिचय (1972)
फागुन (1973)
गाय और गोरी (1973)
अनामिका (1973)
जंजीर (1973)
साल 1973 में रिलीज हुई फिल्म “जंजीर” का निर्देशन प्रकाश मेहरा द्वारा किया गया था। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ अमिताभ बच्चन और प्राण मुख्य भूमिका में थे।
अभिमान (1973)
साल 1973 में आई फिल्म “अभिमान” का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा किया गया था। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ अमिताभ बच्चन, असरानी और बिंदु मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म ने 2 फिल्मफेयर पुरस्कार अपने नाम किया था।
नया दिन नई रात (1974)
दिल दीवाना (1974)
मिली (1975 )
कोरा कागज (1975)
साल 1974 में रिलीज हुई फिल्म कोरा कागज का निर्देशन अनिल गाँगुली द्वारा किया गया था। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ विजय आनंद मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म के लिए जया बच्चन को स्रवश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
चुपके चुपके (1975)
साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म “चुपके चुपके” का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा किया गया था। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ धर्मेन्द्र, अमिताभ बच्चन, शर्मीला टैगोर और ओम प्रकश मुख्य भूमिका में थे।
शोले (1975)
साल 1975 में बनी फिल्म शोले का निर्देशन रमेश सिप्पी द्वारा किया गया था। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी, संजीव कुमार और अमजद खान मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म ने कुल चार फिल्मफेयर पुरस्कार अपने नाम किया था।
अभी तो जी लें (1977)
Ek Baap Chhe Bete (1978)
नौकर (1979)
साल 1979 में आई बनी फिल्म “नौकर” में जया बच्चन के साथ संजीव कुमार और महमूद मुख्य भूमिका में थे।
सिलसिला (1981)
साल 1981 की फिल्म “सिलसिला” का निर्देशन यश चोपड़ा द्वारा किया गया था। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार शशि कपूर मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म के बाद जया बच्चन 18 साल तक फिल्मों से दूर रहीं।
हजार चौरासी का माँ (1998)
इस फिल्म से जया बच्चन ने 18 साल बाद फिल्मों में वापसी की थी। साल 1998 में रिलीज हुई इस फिल्म को गोविंद निहलानी द्वारा निर्देशित किया गया था। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ अनुपम खेर और नंदिता दास मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म ने राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कार के तहत सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार जीता था।
फिजा (2000)
साल 2000 में रिलीज हुई फिल्म “फिजा” को खालिद मोहम्मद द्वारा निर्देशित किया गया था। इस फिल्म में जया बच्चन के साथ ऋतिक रोशन और करिश्मा कपूर मुख्य भूमिका में है। इस फिल्म के लिए जया बच्चन को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
डॉ मुक्ता (2001)
डॉटर्स ऑफ दिस कंट्री (2001)
कभी खुशी कभी गम (2001)
साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म “कभी खुशी कभी गम” का निर्देशन करण जौहर द्वारा किया गया था। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, शाहरुख खान, काजोल, ऋतिक रोशन और करीना कपूर मुख्य भूमिका में थे, जबकि रानी मुखर्जी कैमियो की भूमिका में नजर आई थी। यह फिल्म साल 2001 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी और इस फिल्म ने कुल 5 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे।
देश (2002)
कोई मेरे दिल से पूछे (2002)
कल हो न हो (2003)
साल 2003 में रिलीज हुई फिल्म “कल हो ना हो” को निखिल अडवाणी द्वारा निर्देशित किया गया था और इस फिल्म में जया बच्चन के साथ शाहरुख खान, सैफ अली खान और प्रीति जिंटा मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म ने कुल 2 राष्ट्रिय पुरस्कार, 8 फिल्मफेयर पुरस्कार, 13 आईफा अवार्ड, 3 स्टार स्क्रीन पुरस्कार और 2 जी सिने पुरस्कार जीते थे।
लागा चुनरी में दाग (2007)
द्रोणा (2008)
जया बच्चन का पुरस्कार (Jaya Bachchan Award)
जया बच्चन अपने जमाने के बेहतरीन कलाकारों में से एक थीं। फिल्मों में उनके शानदार अभिनय के लिए उन्हें 9 बार फिल्मफेयर पुरस्कार और 3 बार आईफा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया है। आइए उनके पुरस्कारों के बारे में विस्तार से जानते है।
फिल्मफेयर पुरस्कार (Filmfare Awards)
- साल 1972 में फिल्म “उपहार” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत विशेष पुरस्कार (Special Award) से सम्मानित किया गया। यह उनका पहला फिल्मफेयर पुरस्कार था।
- साल 1974 में फिल्म “अभिमान” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 1975 में फिल्म “कोरा कागज” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत उन्हें दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 1980 में फिल्म “नौकर” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत उन्हें तीसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 1998 में फिल्म “हजार चौरासी की मां” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत उन्हें दूसरी बार विशेष पुरस्कार (Special Award) से सम्मानित किया गया।
- साल 2001 में फिल्म “फिजा” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 2002 में फिल्म “कभी खुशी कभी गम” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत उन्हें दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 2004 में फिल्म “कल हो ना हो” के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत उन्हें तीसरी बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 2007 में फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत उन्हें जीवनकाल उपलब्धि (Lifetime Achievement) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आईफा पुरस्कार (IIFA Awards)
- साल 2001 में फिल्म “फिजा” के लिए आईफा पुरस्कार के तहत उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 2002 में फिल्म “कभी खुशी कभी गम” के लिए आईफा पुरस्कार के तहत उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- साल 2004 में फिल्म “कल हो ना हो” के लिए आईफा पुरस्कार के तहत उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अन्य पुरस्कार (Other Awards)
- साल 1992 में जया बच्चन को पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया था। साल 1994 में जया बच्चन को उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च पुरस्कार यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- साल 2016 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
जया बच्चन के अज्ञात तथ्य (Jaya Bachchan Unknown Facts)
- फिल्म जगत में जया बच्चन, फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे से स्वर्ण पदक हासिल करने वाली एक मात्र अभिनेत्री है।
- साल 1988 में रिलीज हुई फिल्म “शहंशाह” जो बॉक्स ऑफिस पर एक सुपरहिट फिल्म रही थी और जिसमें अमिताभ बच्चन मुख्य भूमिका में थे, उस फिल्म की पटकथा (Script) जया बच्चन द्वारा लिखी गई थी।
- जया बच्चन की बहन रीता भादुड़ी का विवाह फिल्म “मैंने प्यार किया है” में सलमान खान के पिता की भूमिका निभाने वाले राजीव वर्मा से हुई है।
- जया बच्चन साल 1981 में रिलीज हुई फिल्म “सिलसिला” में आखिरी बार एक प्रमुख अभिनेत्री के रूप में काम की थी।
निष्कर्ष (Conclusion)
जया बच्चन एक बेहतरीन अभिनेत्री होने के साथ ही एक अच्छी राजनेता भी हैं। अपने फिल्मी करियर में कई पुरस्कार जीतने के साथ ही वह चार बार राज्यसभा की सदस्य चुनी जा चुकी हैं। अपने बच्चे की परवरिश के लिए उन्होंने 18 साल तक फिल्मों से दूर रही है। इन सबके बावजूद 9 फिल्मफेयर पुरस्कार और 3 आईफा अवार्ड अपने नाम करना अपने आप में ही एक बड़ी उपलब्धि है। उनका पूरा जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।
उम्मीद करते है कि जया बच्चन के जीवन परिचय (Jaya Bachchan Biography in Hindi) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इसी तरह अन्य सेलिब्रिटी के जीवन परिचय के बारे में जानने के लिए आप इस ब्लॉग Nayisochonline के दूसरे आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।