Satish Kaushik Biography in Hindi

Satish Kaushik Biography in Hindi: सतीश कौशिक मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में एक हास्य कलाकार के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन वह एक हास्य कलाकार होने के साथ ही फिल्म निर्माता, निर्देशक, पटकथा लेखक और संवाद लेखक भी थे। हिंदी फिल्मों में उनके द्वारा निभाए गए बेहतरीन किरदारों जैसे कैलेंडर, पप्पू पेजर और मुथुस्वामी इत्यादि के लिए लोग आज भी उन्हें याद करते हैं। इसके अलावा उन्होंने 2 बार सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता। हाल ही में उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन लोगों के दिलों में वह हमेशा जिंदा रहेंगे। फिल्मों में उनके द्वारा निभाए गए किरदार आज भी लोगों के जेहन में हैं। तो चलिए सतीश कौशिक के जीवन परिचय (Satish Kaushik Biography in Hindi) के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सतीश कौशिक की पारिवारिक पृष्ठभूमि (Satish Kaushik Family Background)

सतीश कौशिक के पिता का नाम बनवारी लाल है, जो दिल्ली में ही मुनीम थे। उन्होंने ताला बनाने वाली कंपनी हैरिसन की एजेंसी ले रखी थी। सतीश कौशिक का जन्म दिल्ली में ही हुआ था और उन्होंने अपना ज्यादातर समय दिल्ली में बिताया। उनके दो बड़े भाई हैं, जिनका नाम ब्रह्म प्रकाश कौशिक और अशोक कौशिक है। उनकी बड़ी बहन का नाम सरस्वती देवी, छोटी बहन का नाम शकुंतला देवी और तीसरी बहन का नाम सविता देवी है।

साल 1985 में सतीश कौशिक ने शशि कौशिक से शादी की। उनका एक बेटा हुआ, लेकिन 2 साल की उम्र में ही उनकी मृत्यु हो गयी। जिससे वह काफी टूट गए थे, लेकिन उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला और दोबारा फिल्मों में वापसी की और कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया। अनुपम खेर उनके करीबी दोस्तों में से एक हैं और उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में उनका पूरा साथ दिया। बाद में सरोगेसी से उन्हें एक बेटी हुई, जिसका नाम वंशिका कौशिक है।

सतीश कौशिक की शिक्षा (Satish Kaushik Education)

Satish Kaushik (सतीश कौशिक) का जन्म 13 अप्रैल 1956 को महेंद्रगढ़, हरियाणा में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई करोल बाग, दिल्ली से पूरी की। इसके बाद उन्होंने अपना स्नातक दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से किया। उसके बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया। साल 1978 में उन्होंने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे से अभिनय की बारीकियां सीखीं।

Satish Kaushik Biography in Hindi

सतीश कौशिक का करियर (Satish Kaushik Career)

सतीश कौशिक को फिल्मों में काम करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से अभिनय सीखने के बाद भी उन्हें शुरू में काम नहीं मिल रहा था, इसलिए उन्होंने एक टेक्सटाइल फैक्ट्री में काम करना शुरू किया और साथ में नादिरा बब्बर का थियेटर भी ज्वाइन कर लिया।

बाद में उन्होंने वर्ष 1983 में शेखर कपूर द्वारा निर्देशित फिल्म “मासूम” से अभिनय की शुरुआत की। इस फिल्म में उन्होंने अभिनय के साथ-साथ सहायक निर्देशक की भूमिका भी निभाई थी। इसके बाद उन्होंने फिल्म जलवा, वो सात दिन और सागर जैसी कई फिल्मों में काम किया। लेकिन उन्हें असली पहचान साल 1987 में रिलीज हुई फिल्म “मिस्टर इंडिया” से हासिल हुई।

इस फिल्म से उन्होंने अभिनय के साथ बतौर निर्माता अपने सफर की शुरुआत की। उसके बाद उन्हें 1989 में आई फिल्म “राम लखन” और 1990 में आई फिल्म “स्वर्ग” जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम करने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और साजन चले ससुराल, मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी, बड़े मियां छोटे मियां और क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता जैसी एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मों में काम किया।

एक निर्देशक के रूप में उनकी पहली फिल्म थी “रूप की रानी चोरों का राजा” , जिसमें अनिल कपूर और श्रीदेवी मुख्य भूमिका में थे, हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। इसके बाद उन्होंने फिल्म “प्रेम” का निर्देशन किया, जो तब्बू की पहली फिल्म थी। फिल्म “हम आपके दिल में रहते” का निर्देशन भी सतीश कौशिक जी ने ही किया था, जिसमें अनिल कपूर और ऐश्वर्या राय मुख्य भूमिका में थे और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट फिल्म रही थी।

सतीश कौशिक की फिल्म (Satish Kaushik Movie)

  • मासूम (1983)
  • जाने भी दो यारों (1983)
  • वो सात दिन (1983)
  • मंडी (1983)
  • उत्सव (1984)
  • सागर (1985)
  • मोहब्बत (1985)
  • जलवा (1987)
  • ठिकाना (1987)
  • काश (1987)
  • सुस्मान (1987)

मिस्टर इण्डिया (1987)

साल 1987 में रिलीज हुई फिल्म मिस्टर इंडिया का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था। इस फिल्म में अनिल कपूर और श्री देवी के अलावा अमरीश पुरी और सतीश कौशिक मुख्य भूमिका में नजर आए थे। इस फिल्म में सभी अपने किरदार के नाम से काफी मशहूर हुए थे। चाहे वह अनिल कपूर का मिस्टर इंडिया का किरदार हो या श्री देवी का हवा हवाई का किरदार या अमरीश पूरी का मोगैंबो का किरदार। सतीश कौशिक को बॉलीवुड में असली पहचान इसी फिल्म के कैलेंडर के किरदार से मिली थी।  

  • एक नया रिश्ता (1988)

राम लखन (1989)

साल 1989 में रिलीज हुई फिल्म “राम लखन” का निर्देशन सुभाष घई ने किया था। इस फिल्म में जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, डिंपल कपाड़िया और अमरीश पुरी मुख्य भूमिका में थे। सुपरस्टार से भरी फिल्म “राम लखन” में सतीश कौशिक और अनुपम खेर की जोड़ी को दर्शकों ने खूब सराहा। इस फिल्म में अनुपम खेर ने देवधर की भूमिका निभाई थी, जबकि सतीश कौशिक काशीराम की भूमिका में नजर आए थे। इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत सतीश कौशिक और अनुपम खेर को सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

  • प्रेम प्रतिज्ञा    (1989)
  • डैडी (1989)   
  • आग से खेलेंगे (1989)
  • जोशीले (1989)
  • वर्दी (1990)   
  • आवारगी (1990)
  • तकदीर का तमाशा (1990)
  • स्वर्ग (1990)
  • मौत की सज़ा (1991)
  • विषकन्या (1991)
  • जमाई राजा (1991)
  • अंदाज (1994)

साजन चले ससुराल (1996)

साल 1996 में रिलीज हुई फिल्म “साजन चले ससुराल” डेविड धवन द्वारा निर्देशित एक कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है। इस फिल्म में गोविंदा और करिश्मा के अलावा सतीश कौशिक और कादर खान मुख्य भमिका में नजर आये थे। इस फिल्म में सतीश कौशिक द्वारा निभाया गया मुथुस्वामी का किरदार लोगों को खूब पसंद आया। इसमें मुथुस्वामी एक संगीतकार रहते हैं, जो दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते हैं।

दीवाना मस्ताना (1997)

डेविड धवन द्वारा निर्देशित फिल्म “दीवाना मस्ताना” साल 1997 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में गोविंदा, जूही चावला और अनिल कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई थी। सतीश कौशिक ने इस फिल्म में पप्पू पेजर के रूप में एक हास्य गैंगस्टर की भूमिका निभाई थी।

  • दिल के झरोखे में (1997) 

मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी (1997)

1997 में आई फिल्म “मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी” का निर्देशन डेविड धवन ने किया था। इस फिल्म में अक्षय कुमार और जूही चावला के अलावा सतीश कौशिक, कादर खान और परेश रावल मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म में सतीश कौशिक द्वारा निभाया गया चंदा मामा के किरदार को दर्शकों ने खूब सराहा था। चंदा मामा की भूमिका में सतीश कौशिक अपने भतीजे अक्षय कुमार के बार-बार किस करने को लेकर परेशान रहते हैं।

  • गुदगुदी (1997)
  • घूँघट (1997)  
  • आंटी नम्बर वन (1998)

बड़े मियां छोटे मियां (1998)

साल 1998 में आई फिल्म “बड़े मियां छोटे मियां” का निर्देशन डेविड धवन द्वारा किया गया था। इसमें गोविन्दा, अमिताभ बच्चन, रवीना टंडन मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में सतीश कौशिक शराफत अली का किरदार निभाया था, जो चोर बाजार का सरदार होता है और वह अक्सर पान खाता रहता है। इस फिल्म में उनका डायलाग “कसम उड़ान झल्ले की” बहुत मशहूर हुआ था।

  • किला (1998)

परदेसी बाबू (1998)

साल 1998 में रिलीज हुई फिल्म “परदेशी बाबू” का निर्देशन मनोज अग्रवाल ने किया था। इस फिल्म में गोविंदा, रवीना टंडन और शिल्पा शेट्टी के अलावा सतीश कौशिक मुख्य भूमिका में नजर आए थे। इस फिल्म में सतीश कौशिक ने एक पंजाबी सिख हैप्पी सिंह की भूमिका निभाई थी, जो गोविंदा का दोस्त रहता है और पैसे कमाने में उसकी मदद करता है।

  • घरवाली बाहरवाली (1998)
  • छोटा चेतन (1998)
  • आ अब लौट चलें (1999) 
  • हम आपके दिल में रहते हैं (1999)

हसीना मान जायेगी (1999)

साल 1999 में रिलीज हुई फिल्म “हसीना मान जाएगी” का निर्देशन डेविड धवन ने किया था। इस फिल्म में गोविंदा के अलावा संजय दत्त, करिश्मा कपूर, सतीश कौशिक और कादर खान मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में सतीश कौशिक ने कुंज बिहारी लाल का किरदार निभाया था, जो कादर खान का मैनेजर रहता है। इस फिल्म में उनके तकिया कलाम “रुकिये तो सही, सुनिये तो सही” को लोगों ने खूब पसंद किया था।

  • राजाजी (1999)
  • बड़े दिलवाला (1999)
  • दुल्हन हम ले जायेंगे (2000)
  • तेरा जादू चल गया (2000)
  • हमारा दिल आपके पास है (2000)
  • पापा द ग्रेट (2000) 
  • हद कर दी आपने (2000) 
  • चल मेरे भाई (2000)
  • क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता (2001)  
  • हम किसी से कम नहीं (2002) 
  • तहजीब (2003)
  • आउट ऑफ कन्ट्रोल (2003)
  • कैलकटा मॉल (2003)
  • वजह (2004)
  • खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे (2005)
  • शून्य (2006)
  • उमर (2006)  
  • माइग्रेशन (2007)
  • ब्रिक लेन (2007)
  • गॉड तुस्सी ग्रेट हो (2008)

सतीश कौशिक द्वारा निर्देशित फिल्म (Satish Kaushik Directed Movies)

  • रूप की रानी चोरों का राजा (1993)
  • प्रेम (1995)
  • हम आपके दिल में रहते हैं (1993)
  • हमारा दिल आपके पास है (2000)
  • मुझे कुछ कहना है (2001)
  • बधाई हो बधाई (2002)
  • तेरे नाम (2003)
  • वादा (2005)
  • शादी से पहले (2006)
  • मिलेंगे मिलेंगे (2008)

सतीश कौशिक की पुरस्कार की सूची (Satish Kaushik Award List)

फिल्मफेयर पुरस्कार (Filmfare Awards)

  • साल 1990 में फिल्म “राम लखन” में काशीराम के किरदार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत उन्हें सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • साल 1997 में फिल्म “साजन चले ससुराल” में मुथुस्वामी के किरदार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के तहत उन्हें सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अन्य पुरस्कार (Other Awards)

  • साल 1999 में फिल्म “परदेसी बाबू” के लिए बॉलीवुड मूवीज अवार्ड के तहत सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • साल 2021 में उनके द्वारा अभिनीत और निर्मित हरियाणवी फिल्म “छोरियां छोरों से कम नई होती” को राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कार के तहत सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला।
  • साल 2022 में फिल्म “कागज” के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के तहत सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • साल 2022 में फिल्म “थार” के लिए जूरी अवार्ड्स के तहत सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सतीश कौशिक के बारे में अज्ञात तथ्य (Satish Kaushik Unknown Facts)

  • सतीश कौशिक के सबसे करीबी दोस्तों में से एक अनुपम खेर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में उनके बैचमेट थे।
  • उन्होंने अनुपम खेर के साथ मिलकर “करोल बाग प्रोडक्शन” के नाम से एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी की शुरुआत की थी।
  • वह फिल्मों से पहले थिएटर में एक कलाकार के रूप में काम करते थे और “सेल्समैन रामलाल” नाटक में विली लोमन के उनके किरदार को लोगों ने खूब सराहा था।
  • सतीश कौशिक ने नीना गुप्ता से शादी की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन नीना गुप्ता ने मना कर दिया था।

सतीश कौशिक का निधन (Satish Kaushik Passed Away)

9 मार्च 2023 को 66 साल की उम्र में गुरुग्राम में दिल का दौरा पड़ने से सतीश कौशिक का निधन हो गया। अनुपम खेर उनके सबसे करीबी दोस्तों में से एक हैं। अपने आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट में, उन्होंने जावेद अख्तर और शबाना आज़मी के घर पर महिमा चौधरी, ऋचा चड्डा और अली फज़ल के साथ होली खेलते हुए एक तस्वीर पोस्ट किया था।

निष्कर्ष (Conclusion)

सतीश कौशिक को फिल्मों में काम करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। शुरुआत में जब उन्हें काम नहीं मिला तो उन्होंने कुछ समय के लिए एक कपड़ा फैक्ट्री में भी काम किया। इसके बारे में याद करते हुए उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली से मुंबई यहां क्या करने आए हैं और यहां क्या कर रहे हैं, यह सोचकर उनका दिल पसीज जाता था। बाद में वे थिएटर से जुड़े और वहां छोटे- मोटे नाटक करने लगे। फिर उन्होंने धीरे-धीरे एक्टिंग और असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम करना शुरू किया।

उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में कई बार ऐसा भी होता है जब हम चाहते कुछ है और हमें मिलता कुछ और है। इसलिए हम जो भी करना चाहते हैं, उसके लिए जी जान लगा दे, कामयाबी जरूर मिलेगी। उम्मीद करते है सतीश कौशिक के जीवन परिचय (Satish Kaushik Biography in Hindi) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इसी तरह अन्य सेलिब्रिटी के बारे में जानने के लिए NayiSochOnline ब्लॉग के दूसरे पोस्ट को भी पढ़ सकते है।

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