अपने जमाने की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री जिन्हें कभी ‘कश्मीर की कली’ कहा गया तो कभी वह ‘बिकिनी गर्ल’ के नाम से खूब फेमस हुई। जो हिंदी सिनेमा की पहली ऐसी एक्ट्रेस बनी, जिन्होंने कैमरे पर बिकनी पहनने की हिम्मत दिखाई थी। जिन्हें हिंदी सिनेमा में उनके कंट्रीब्यूशन के लिए दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और एक बार फिल्मफेयर पुरस्कार से भी नवाजा गया। जिन्होंने बॉलीवुड में कई सुपरहिट फिल्में की और अपने फिल्मी करियर में उन्होंने लगभग हर सुपरस्टार के साथ काम किया।
तो आंखिर क्यों उन्होंने राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार के साथ काम करने से मना कर दिया था? आखिर क्यों बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री ‘माला सिन्हा’ ने सरे आम उन्हें थप्पड़ जड़ दिया था और आखिर क्यों बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री मुमताज से उनका छतीस का आंकड़ा रहता था? तो कौन है ये लीजेंडरी एक्ट्रेस जिन्हें देख क्रिकेट के धुरंदर ‘मंसूर अली खान पटौदी’ भी अपना दिल दे बैठे थे और जिनका दिल कभी शशि कपूर के लिए धड़कता था। जानेंगे उनकी जिदंगी से जुड़े कई राज तो बने रहिए हमारे साथ…
दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के लीजेंडरी एक्ट्रेस ‘शर्मिला टैगोर’ के बारे में(harmila Tagore Biography) – जानेंगे उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़े कई किस्से, लेकिन उससे पहले चलिए जानते हैं कि बॉलीवुड में उनके फिल्मी करियर की शुरुआत कैसे हुई?
शर्मिला टैगोर का फैमिली बैकग्राउंड (Sharmila Tagore Family Background)
शर्मिला टैगोर का जन्म 8 दिसंबर 1944 को हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में हुआ था। शर्मिला टैगोर के पिता का नाम ‘गीतिंद्रनाथ टैगोर’ और माता का नाम ‘इरा बरूच’ है। शर्मिला टैगोर की दो बहने भी थी, जिनका नाम ‘ओइन्द्रिला कुंडा’ और ‘रोमिला सेन’ है। ओइंद्रिला कुंडा’ ने साल 1957 में फिल्म ‘काबुलीवाला’ में मिनी का रोल प्ले किया था।
शर्मीला टैगोर ने पॉपुलर क्रिकेटर ‘मंसूर अली खान पटौदी’ से शादी की। उनके बेटे के नाम ‘सैफ अली खान‘ है, जिनकी गिनती बॉलीवुड के पॉपुलर एक्टर्स में की जाती है। इसके अलावा उनकी दो बेटियां है, जिसका नाम ‘सोहा अली खान’ और ‘सबा अली खान’ है। ‘सोहा अली खान’ एक बॉलीवुड एक्ट्रेस है, जिन्होंने भी कई फिल्मों में काम किया है, जबकि ‘सबा अली खान’ एक ज्वेलरी डिज़ाइनर है। बॉलीवुड की पॉपुलर एक्ट्रेसेस ‘अमृता सिंह’ और ‘करीना कपूर’ उनकी बहुए है। इसके अलावा बॉलीवुड की पॉपुलर एक्ट्रेस ‘सारा अली खान’ उनकी पोती है।
शर्मीला टैगोर ने अपनी स्कूली शिक्षा ‘सेंट जॉन्स डायोकेसन गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल’ और ‘लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल’, आसनसोल से पूरी की। 13 साल की उम्र में ही उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। उस समय फिल्मों में काम करना अच्छा नहीं माना जाता था, इसलिए उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था। यही वजह रही कि उन्होंने आगे की पढ़ाई नहीं की और अपना सारा ध्यान फिल्मों पर फोकस की।
शर्मिला टैगोर की संक्षिप्त जीवनी (Sharmila Tagore brief biography)
पेशा(Occupation) | भारतीय अभिनेत्री(Indian actress) |
जन्म की तारीख(Date of Birth) | 8 दिसंबर 1944 |
जन्म स्थान(Place of Birth) | हैदराबाद, भारत(Hyderabad, India) |
अन्य नाम(Second Name) | बेगम आयशा सुल्ताना |
जीवनसाथी(Spouse) | मंसूर अली खान पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi (Cricketer)) |
बच्चे(Children) | सैफ अली खान, सबा अली खान, सोहा अली खान(Saif Ali Khan, Saba Ali Khan, Soha Ali Khan) |
डेब्यू फिल्म(Debut Film) | अपुर संसार (1959)(Apur Sansar (1959)) |
प्रमुख पुरस्कार(Major Awards) | सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (1975, 2003)(National Film Award for Best Actress (1975, 2003)) |
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार(Filmfare Awards) | सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (1967, 1970, 1972)(Best Actress (1967, 1970, 1972)) |
सम्मान(Honors) | पद्म भूषण (2013)(Padma Bhushan (2013)) |
उल्लेखनीय फ़िल्में(Notable Films) | आराधना, अमर प्रेम, चुपके चुपके, मौसम(Aradhana, Amar Prem, Chupke Chupke, Mausam) |
करियर के मुख्य अंश(Career Highlights) | 1960 और 1970 के दशक में भारतीय सिनेमा की अग्रणी अभिनेत्रियों में से एक(One of the leading actresses of Indian cinema in the 1960s and 1970s) |
शादी की तारीख(Wedding Date) | 27 दिसंबर 1969 |
अभिभावक(Parents) | पिता – गीतिन्द्रनाथ टैगोर ,माता- इरा बरुआ (Father – Gitindranath Tagore, Mother- Ira Baruah) |
शौक /रुचियां (Hobbies/Interests) | खरीदारी, बागवानी, किताबें पढ़ना और संगीत सुनना।(Shopping, gardening, reading books, and listening to music.) |
टैगोर का फिल्मी करियर (Sharmila Tagore Filmy Carrier)
शर्मिला टैगोर ने अपने करियर की शुरुआत साल 1959 में ‘सत्यजीत रे’ की बंगाली फिल्म ‘अपुर संसार’ से की, जिसमें उन्होंने एक छोटी उम्र की दुल्हन की भूमिका निभाई थी। बॉलीवुड में उन्हें पहली बार साल 1964 शक्ति सामंत की फिल्म ‘कश्मीर की कली’ में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में शम्मी कपूर के साथ उनकी जोड़ी लोगों ने खूब पसंद की।
इसके बाद उन्होंने ‘वक्त’, ये रात फिर ना आएगी, सावन की घटा , ‘आमने सामने’ जैसी कई फिल्मों में काम की। लेकिन बॉलीवुड में उन्हें असली पहचान साल 1966 में फिल्म ‘अनुपमा’ से मिली, जिसमें उनके साथ बॉलीवुड के हीमैन ‘धर्मेंद्र’ मुख्य भूमिका में नजर आए थे। उन्होंने धर्मेंद्र के साथ और भी कई फिल्मों में काम किया जैसे – देवर, ‘मेरे हमदम मेरे दोस्त’, सत्यकाम, यकीन, ‘चुपके चुपके’ और ‘एक महल हो सपनों का’।
70 के दशक में राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी खूब पॉपुलर हुई और दोनों ने बॉक्स ऑफिस पर कई हिट फिल्में दी। दोनों पहली बार साल 1969 में फिल्म ‘आराधना’ में एक साथ नजर आए थे। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी। इसके बाद दोनों ‘सफर’, ‘छोटी बहू’, ‘अमर प्रेम’, ‘मालिक’, ‘दाग: ए पोएम ऑफ लव’, ‘राजा रानी’ और ‘आविष्कार’ जैसी कई हिट फिल्मों में साथ नजर आए थे।
शर्मीला टैगोर ने शशि कपूर के साथ भी कई फिल्मों में काम किया जैसे – वक्त, ‘आमने-सामने’, ‘सुहाना सफर’, ‘आ गले लग जा’, ‘पाप और पुण्य’, ‘अनाड़ी’, ‘दूर-देश’, ‘दिल्ली टाइम्स’ और ‘माँ-बेटी’ इत्यादि।
शर्मिला टैगोर को मिले अवार्ड (Sharmila Tagore Achievements)
साल 1969 में फिल्म ‘आराधना’ के लिए उन्हें ‘बेस्ट एक्ट्रेस’ के तौर पर ‘फिल्मफेयर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था।
इसके बाद साल 1975 में फिल्म ‘मौसम’ के लिए उन्हें ‘बेस्ट एक्ट्रेस’ के तौर पर नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
साल 2003 में बंगाली फिल्म ‘अबर अरण्ये’ के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के तौर पर नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
साल 1998 में ‘फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ और साल 2013 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण अवार्ड’ से उन्हें सम्मानित किया गया था।
शर्मिला टैगोर से जुड़े विवाद (Sharmila Tagore Controversy)
शर्मिला टैगोर का बिकिनी शूट विवाद (Sharmila Tagore Bikini Shoot Controversy)
आज कल फिल्मों में बिकिनी और स्विमिंग सूट पहनना आम बात हो गई है, लेकिन 60-70 के दशक में फिल्मों में शायद ही कोई एक्ट्रेस बिकिनी पहने नजर आती थी। साल 1966 में फिल्मफेयर मैगज़ीन के कवर पेज पर शर्मिला पहली बार बिकिनी में नजर आई थी और ऐसा करने वाली वह पहली इंडियन एक्ट्रेस भी थी। शर्मिला का यह अंदाज लोगो को कुछ खास पसंद नहीं आया और यह एक बड़ी कंट्रोवर्सी की वजह बन गई। कंट्रोवर्सी इतनी बढ़ गई कि संसद में भी यह मुद्दा उठाया गया था। यह कंट्रोवर्सी उनके करियर के लिए मिल का पत्थर साबित हुआ। इस साल उनकी 5 फिल्में ‘अनुपमा’, ‘देवर’, ‘सावन की घटा’, ‘नायक’, और ‘ये रात फिर न आएगी’ रिलीज हुई और पांचों फिल्में सुपर डुपर हिट रही।
जब सास के डर से शर्मिला ने शहर से सभी पोस्टर हटा लिए थे। (When due to fear of her mother-in-law, Sharmila had removed all the posters from the city.)
साल 1967 में जब शर्मिला टैगोर की फिल्म ‘एन ईवनिंग इन पेरिस’ रिलीज हुई थी तो फिल्म के प्रमोशन के लिए मुम्बई शहर मे फिल्म के कई पोस्टर लगाए गए थे, जिसमें शर्मिला बिकिनी पहने नजर आ रही थीं। उसी दौरान पटौदी की माँ ‘साजिदा बेगम’ उनसे मिलने मुम्बई आने वाली थी। जब यह बात शर्मिला को पता चली तो उन्होंने सबसे पहले फिल्म के प्रोड्यूसर को कॉल किया और उन्होंने मुंबई शहर से सभी पोस्टर हटाने के लिए कहा। उनकी बात को ध्यान में रखते हुए कुछ दिन के लिए शहर से फिल्म के सभी पोस्टर को हटा दिया गया।
आखिर क्यों शर्मिला टैगोर ने बंद कर दिया था राजेश खन्ना के साथ काम करना? (After all, why did Sharmila Tagore stop working with Rajesh Khanna?)
70 के दशक में राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी मोस्ट पॉपुलर जोड़ियों में से एक थी। ऑन स्क्रीन पर उनकी जोड़ी इतनी अच्छी थी कि लोग उन्हें रियल लाइफ में भी कपल समझते थे। बड़े पर्दे पर दोनों को एक साथ देखकर लोगों की सांसें थम जाती थी। फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी यह मानने लगे थे कि अगर किसी फिल्म में राजेश खन्ना और शर्मीला टैगोर को कास्ट कर लिया जाए तो उस फिल्म को हिट होने से कोई नहीं रोक सकता है। राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर ने कई हिट फिल्मों में काम किया जैसे – आराधना, अमर प्रेम, छोटी बहु, मालिक और अविष्कार। इन पर फिल्माए गए गानों की बात करें तो ‘कोरा कागज था ये मन मेरा,’ ‘रूप तेरा मस्ताना’, ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’ और ‘कुछ तो लोग कहेंगे’ जैसी कई हिट गाने आज भी लोगों की जुवां पर है।
लेकिन क्या आप जानते है कि एक समय ऐसा भी आया जब शर्मीला टैगोर, राजेश खन्ना के साथ काम करने से बचती नजर आई। इस बारे में बात करते हुए शर्मीला टैगोर ने कहा था कि हमारी जोड़ी पर्दे पर सुपरहिट थी और लोग हमें साथ देखना पसंद करते थे, लेकिन राजेश खन्ना जी का एक बुरी आदत थी। वह फिल्म के सेट पर अक्सर लेट से पहुंचते थे। 9 बजे के शिफ्ट पर वह हमेशा 12 बजे आते थे। उनकी यही चीज मुझे बिलकुल पसंद नहीं आती थी। इसलिए हमारी इतनी सक्सेसफुल जोड़ी होने के बाद भी मैंने दूसरे एक्टर के साथ काम करना सही समझा।
शर्मिला टैगोर और मुमताज के बीच मनमुटाव (Sharmila Tagore and Mumtaz Controversy)
70-80 के दशक में शर्मिला टैगोर और मुमताज़ की गिनती बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेस में की जाती थी। लेकिन एक समय दोनों के बीच मनमुटाव के चर्चे सुर्खियों में थी, तो चलिए जानते है कि दोनों के बीच मनमुटाव की असली वजह क्या थी।
शर्मिला टैगोर का मुमताज़ के साथ छतीस का आंकड़ा था और यह बात उस समय बॉलीवुड इंडस्ट्री में लगभग हर कोई जनता था। इस बारे में पूछे जाने पर मुमताज ने एक बार कहा था कि – ‘शर्मिला गोल्डन स्पून के साथ पैदा हुई थी। उनकी पहली फिल्म ‘कश्मीर की कली’ शम्मी कपूर के साथ थी और वह जल्द ही स्टार बन गई थी। जबकि मैंने अपने करियर की शुरुआत ब्रह्मचारी जैसी फिल्मों में शम्मी कपूर के साथ सपोर्टिंग रोल के साथ की। मैंने और शर्मिला, दोनों ने राजेश खन्ना के साथ कई हिट फिल्मों में काम किया है, शायद यही वजह है कि मेरे और शर्मीला के बारे में लोग ऐसी बाते सोचते है। लेकिन यह भी सच है कि हिरोइनें कभी दोस्त नहीं हो सकती हैं। हम साथ में डिनर नहीं करते और ना ही हम साथ में हैंगआउट करते है।
जब माला सिन्हा ने सबके सामने शर्मिला टैगोर को जड़ा थप्पड़? (Sharmila Tagore and Mala Sinha Controversy)
साल 1968 में जॉय मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘हमसाया’ में माला सिन्हा और शर्मिला टैगोर लीड रोल में नजर आई थीं। इस फिल्म की शूटिंग से पहले दोनों काफी अच्छी दोस्त थी और दोनों के बीच काफी बनती भी थी। लेकिन जैसे जैसे फिल्म की शूटिंग आगे बढ़ रही थी, वैसे वैसे दोनों के बीच टकराव शुरू होने लगा था। दोनों के बीच फिल्म के डायलॉग, गाने, कॉस्टयूम को लेकर अक्सर झगड़ा हो जाती थी। फिल्म के निर्देशक जॉय मुखर्जी दोनों को अक्सर एक दूसरे से दूर रखने की कोशिश करते थे। लेकिन कई बार वह ऐसा नहीं कर पाते थे या जब किसी सीन में दोनों एक्ट्रेसस की जरुरत होती थी तब भी दोनों के बीच टकराव हो जाता था।
लेकिन एक दिन दोनों के बीच टकराव इतना बढ़ गया कि माला सिन्हा ने शर्मिला टैगोर को थप्पड़ जड़ दिया था। दोनों के बीच किसी बात पर बहस हो रही थी और देखते ही देखते माला सिन्हा ने शर्मिला टैगोर को थप्पड़ जड़ दिया। यह सब कुछ इतनी जल्दी में हुआ कि वहां मौजूद सब लोग सिर्फ देखते रह गए थे।
शर्मिला टैगोर का लव लाइफ (Sharmila Tagore Love Life)
शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान पटौदी की लव स्टोरी (Sharmila Tagore and Mansoor Ali Khan Pataudi Love Story)
जहां शर्मिला टैगोर अभिनय की दुनिया में नाम कमा रही थी तो वहीं ‘मंसूर अली खान पटौदी’ क्रिकेट के मैदान के धुरंधर थे। तो चलिए जानते है कि दोनों की लव स्टोरी बॉलीवुड के गलियारे से निकल कर क्रिकेट के मैदान तक कैसे पहुंची ?
शर्मिला टैगोर और ‘मंसूर अली खान पटौदी’ की पहली मुलाकात कोलकाता में हुई थी, जब पटौदी अपने दोस्त के साथ एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। पटौदी पहली नजर में ही शर्मिला को दिल दे बैठे थे, लेकिन शादी के लिए मनाने में उन्हें 4 साल लग गए थे।
उन दिनों मंसूर अली खान की जबरदस्त फैन फॉलोविंग थी, लड़कियां उनकी तस्वीर अपने बैग में रखा करती थी। लेकिन शर्मिला को मनाने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। उन्हें मनाने के लिए पटौदी ने उन्हें गिफ्ट में फ्रिज दिया था। उस समय फ्रिज, किचेन की शान हुआ करती थी और किसी को गिफ्ट में फ्रिज देना बहुत बड़ी बात हुआ करती थी। इसके अलावा पटौदी, अक्सर उन्हें फूल, कार्ड, लेटर और गिफ्ट भेजते रहते थे।
जब मंसूर अली ने शर्मिला को शादी के लिए प्रोपोज़ किया तो शर्मिला ने अजीबोगरीब शर्त रख दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर वो तीन बॉल पर लगातार तीन छक्के लगायेंगे तो वह उनसे शादी कर लेगी। पटौदी ने हँसते हुए उनका यह शर्त स्वीकार कर लिए थे और अगले ही दिन उन्होंने तीन बॉल पर तीन लगातार छक्के लगाकर शर्मिला का दिल जीत लिया था। बाद में 27 दिसंबर 1969 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए।
शर्मिला टैगोर और शशि कपूर की दोस्ती (Sharmila Tagore and Shashi Kapoor Friendship)
शर्मिला टैगोर और शशि कपूर ने कई हिट फिल्मों में साथ काम किया। जैसे – वक्त, आमने सामने, सुहाना सफर, आ गले लग जा, पाप और पुण्य, माय लव और अनाड़ी। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन शर्मिला टैगोर ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि शशि कपूर को पहली बार देखते ही वह उन पर फ़िदा हो गई थी।
शशि कपूर के निधन के बाद शर्मिला ने उन्हें याद करते हुए बताया था कि फिल्म ‘कश्मीर की कली’ की शूटिंग के दौरान शशि कपूर अपने भाई शम्मी कपूर से मिलने सेट पर आए थे। शर्मीला ने बताया कि मैं शशि कपूर की फिल्म ‘प्रेम पत्र’ देखी थी और इसी फिल्म में उन्हें देख कर मुझे उनसे प्यार हो गया था। वह इस फिल्म में बहुत हैंडसम लग रहे थे। मुझे याद है कि वह इस फिल्म में देख नहीं सकते थे और एक सीन में जब साधना अपनी साड़ी बांध रही होती है, उस समय शशि कपूर कुर्सी पर बैठे हुए बहुत अच्छे लग रहे थे। मुझे उन्हें इस लुक में देखकर उनसे प्यार हो गया था।
जब फिल्म ‘कश्मीर की कली’ के सेट पर शशि कपूर अपने भाई शम्मी कपूर से मिलने आए थे तो उस समय फिल्म के गाने ‘इशारों इशारों में दिल लेने वाले’ की शूटिंग चल रही थी। जब शर्मिला ने शशि कपूर को देखा तो वह बहुत सरप्राइज हुई। उन्हें देखने के बाद शर्मिला फिल्म के गाने की शूटिंग नहीं कर पा रही थी। इस पर फिल्म के निर्देशक शक्ति सामंत ने शशि कपूर को फिल्म के सेट से जाने के लिए कह दिया था।
निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों शर्मीला टैगोर के बारे में यह जानकारी आपको कैसा लगा, कमेंट सेक्शन में हमें जरूर बताएं। साथ ही आपके पास शर्मीला टैगोर के जीवन से जुड़ी कोई इंटरेस्टिंग जानकारी हो तो वो भी हमें जरूर बताए। इसी तरह की इंटरेस्टिंग स्टोरी के लिए इस वेबसाइट के दूसरे आर्टिकल को भी जरूर पढ़े।