बॉलीवुड की मोस्ट अवेटेड फिल्म “आदिपुरुष” 16 जून 2023 को रिलीज हो गई। ओम राउत द्वारा निर्देशित इस फिल्म में प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान मुख्य भूमिका में नजर आए है, जबकि सनी सिंह और देवदत्त नागे सहायक भूमिका में नजर आए है। फिल्म में प्रभास, भगवान राम, कृति सेनन, माता सीता और सैफ अली खान, रावण के किरदार में नजर आए हैं, जबकि सनी सिंह, लक्ष्मण और देवदत्त नागे, हनुमान जी के रोल में हैं। आइए जानते हैं आदिपुरुष फिल्म रिव्यु (Adipurush Movie Review in Hindi) के बारे में कि इस फिल्म को लेकर लोगों का रिस्पॉन्स कैसा रहा-
फिल्म का टीजर रिलीज होने के बाद से ही फिल्म की काफी आलोचना हो रही थी। तब कहा गया था कि फिल्म का आधा बजट फिल्म के वीएफएक्स पर खर्च किया गया। जब फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ तो यह ठीक ठाक लगा, लेकिन फिल्म के रिलीज होने के बाद यह लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। खासकर इस फिल्म में सभी किरदारों का लुक और उनके द्वारा बोले गए डायलॉग लोगों को पसंद नहीं आ रहे हैं। इसी वजह से इस फिल्म को बैन करने की मांग उठ रही है।
हम बचपन से ही रामायण देखते आ रहे हैं, लेकिन इस फिल्म को देखने के बाद लगता है कि इस फिल्म में कई बातों को नजरअंदाज किया गया। रामानंद सागर की “रामायण” की तरह यह फिल्म लोगों को बांधने में सफल नहीं रही।
आदिपुरुष फिल्म कैसी है? (How is Adipurush Movie?)
इस फिल्म के किसी भी किरदार से आप उस तरह कनेक्ट नहीं कर पाते, जिस तरह आप रामानंद सागर के “रामायण” से कनेक्ट कर पाते है। फिल्म में जो वीएफएक्स का इस्तेमाल किया गया है, वह फिल्म के मजा को और ज्यादा खराब कर देता है। करोड़ो रूपये खर्च करने के बाद अगर ऐसी ग्राफिक्स बनती है तो इस बात का आश्चर्य भी होता है की उस दौर में रामानंद सागर ने कैसे इतना अच्छा ग्राफिक्स बना लिए।
फिल्म में जिस तरह कुछ डायलॉग का इस्तेमाल किया गया है, वह हैरान करने वाली है। रामायण हमारी आस्था से जुडी है और इस तरह के डायलॉग का इस्तेमाल करना हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ है। इस फिल्म में युद्ध के सीन को देखकर ऐसा लगता है जैसे जॉम्बीज की लड़ाई हो रही हो। इस फिल्म को पूरी तरह से हॉलीवुड लुक देने की कोशिश की गई है।
आदिपुरुष तीन दिनों में ही कई कीर्तिमान बना डाले (Adipurush made many Records in only Three Days)
ओम राउत के निर्देशन में बनी फिल्म “आदिपुरुष” रिलीज होने के बाद से ही विवादों में घिरी हुई है। जहां एक तरफ प्रभास और कृति सेनन की तारीफ हो रही है वहीं दूसरी तरफ खराब वीएफएक्स और डायलॉग्स को लेकर फिल्म की आलोचना भी हो रही है। इसके बावजूद भी इस फिल्म ने तीन दिन के अंदर ही कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। आइये जानते है आदिपुरुष फिल्म रिव्यु (Adipurush Movie Review in Hindi) और इस फिल्म के द्वारा बनाए गए कुछ रिकॉर्ड के बारे में –
इस फिल्म ने रिलीज के पहले दिन 85 करोड़ की कमाई के साथ ही ओपनिंग डे में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई।
इस फिल्म ने रिलीज के पहले दिन वर्ल्डवाइड 140 करोड़ की कमाई की। इसके अलावा फिल्म ने तीन दिन के अंदर ही वर्ल्डवाइड 300 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली। इससे पहले यह रिकॉर्ड फिल्म “ब्रह्मास्त्र” के नाम था।
आदिपुरुष फिल्म में क्या कमी रह गई? (What was missing in the Film Adipurush?)
फिल्म “आदिपुरुष” की कहानी महाकाव्य “रामायण” पर आधारित है। लोगों को इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार था, लेकिन यह फिल्म लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। इस फिल्म में कई जगह बड़ी चूक हुई है। आइए जानते हैं आदिपुरुष फिल्म रिव्यु (Adipurush Movie Review in Hindi) के बारे में और साथ ही जानेंगे कि इस फिल्म में किस तरह की गलतियां की गई हैं।
1. रामायण की आधी अधूरी कहानी लगती है। (The story of Ramayana seems to be half incomplete)
इस फिल्म की शुरुआत राम के वनवास से होती है, जबकि राम के जन्म की पहले की कहानी, राम के वनवास के बाद दशरथ का विलाप, भरत का अपने भाई राम के प्रति प्रेम को नहीं दिखाया गया है। रावण के वध और वनवास की समाप्ति के बाद राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी भी नहीं दिखाई गई है। इस तरह इस फिल्म में रामायण की आधी-अधूरी कहानी को दिखाया गया है। इस फिल्म में कौशल्या, मंथरा, भरत और शत्रुघ्न जैसे किरदार नजर नहीं आते हैं।
यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म “हैरी पॉटर” से प्रेरित लगती है। जैसे “हैरी पॉटर” में
दमपिशाच (डिमेंटर) को दिखाया गया है, जो लोगों की आत्मा से खुशी खींचने का काम करता हैं। “आदिपुरुष” में भगवान राम को पिशाच की तरह दिखने वाले मायावी राक्षसों से लड़ते हुए दिखाया गया है।
2. फिल्म में वीएफएक्स का हद से ज्यादा इस्तेमाल किया गया है।
वीएफएक्स के बिना रामायण जैसी कहानी पर फिल्म बनाना संभव नहीं है। लेकिन इस फिल्म में वीएफएक्स का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से इस फिल्म में सब कुछ नकली लगता है।
3. सोने की लंका, कोयले की खान के जैसा प्रतीत होता है।
रावण की लंका सोने की थी, जिसे रावण ने कुबेर से हासिल किया था। लेकिन इस फिल्म में लंका में स्थित रावण के महल को काला दिखाया गया है। यहां तक कि अशोक वाटिका भी काले पत्थर से बनी दिख रही है। अशोक वाटिका देखने में कहीं से भी बगीचे जैसी नहीं लगती है। इसमें सिर्फ चेरी ब्लॉसम के पेड़ ही नजर आ रहे हैं। इसके अलावा और कोई पेड़-पौधा नजर नहीं आ रहा है। यहां की नदियों और तालाबों के पानी को भी काला दिखाया गया। इसके साथ ही रावण को चमगादड़ पर विराजमान और चमड़े की वस्तु पहने दिखाया गया। लंका में लोग काले रंग के कपड़े पहने नजर आ रहे हैं। इसे देखने पर यह सोने की लंका कहीं से प्रतीत नही होती है।
4. किरदारों के लुक्स रियल किरदार से मेल नहीं खा रहे है।
फिल्म के किरदारों के लुक्स की चर्चा फिल्म का टीजर रिलीज होने के समय से ही हो रहा है। इस फिल्म में रावण मॉडर्न हेयरकट और बड़ी दाढ़ी में नजर आ रहा है, लेकिन उससे भी ज्यादा अजीब उसे चमगादड़ की सवारी करते हुए देखना है। रावण शिव का भक्त है, लेकिन शिव भक्त को रुद्राक्ष जैसी पवित्र वस्तु को तोड़ते हुए दिखाया गया है। माता सीता के कपड़ों का रंग भी बिल्कुल अलग दिखाया गया है।
रामायण में जहां माता सीता निशानी के तौर पर हनुमान को चूड़ामणि देती है, वहीं इस फिल्म में वह हनुमान को चूड़ामणि की जगह चूड़ी देती नजर आती हैं।
राम सेतु के निर्माण में जिस पत्थर का इस्तेमाल किया गया था उस पर “राम” नाम लिखा हुआ था। लेकिन इस फिल्म में राघव का नाम लेकर समुद्र में पत्थर फेंका जाता है।
5. फिल्म के कुछ सीन्स बहुत अटपटा है।
इस फिल्म का एक सीन बहुत ही अटपटा है। इस दृश्य में रावण और इंद्रजीत जानकी को अपने साथ युद्ध के मैदान में ले आते हैं और जानकी जंजीरों में बंधी रहती है। इसके बाद रावण जानकी को बेड़ियों से मुक्त कर देता है और जानकी अपनी पूरी ताकत से राघव की ओर दौड़ती है। जैसे ही जानकी राघव के पास पहुंचने वाली होती है, इंद्रजीत जानकी का गला काट देता है। बाद में पता चलता है कि वह जानकी नहीं है, बल्कि वह एक मायावी राक्षस है, जो जानकी का रूप धारण किए हुए है। इस फिल्म का यह सीन हैरान करने वाला होता है। यह सीन रामायण की वास्तविक कहानी से बिल्कुल अलग है।
रावण को मारने के बाद एक बार फिर जानकी रणभूमि में नजर आती हैं। इस बार वह राघव से गले मिलते नजर आ रही हैं। हालांकि “रामायण” में माता सीता युद्ध के मैदान में कभी नहीं नजर आती है।
6. फिल्म का डायलॉग बहुत ही अतरंगी है।
इस फिल्म में कुछ अजीबोगरीब डायलॉग्स का इस्तेमाल किया गया है। रामायण की कहानी पर आधारित फिल्म में इस तरह के संवादों का इस्तेमाल करने का विचार निर्देशक को कहां से आता है। इस फिल्म में सबसे बड़ा विवाद इसमें इस्तेमाल किए गए अजीबोगरीब डायलॉग्स को लेकर ही है। इन डायलॉग्स ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है।
फिल्म के एक दृश्य में हनुमान जी का संवाद है – “जो हमारी बहनों को हाथ लगाएगा, उसकी लंका लगा देंगे”। एक दूसरे सीन में हनुमान जी कहते नजर आ रहे है कि – “कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की और जलेगी भी तेरे बाप की”
एक सीन में इंद्रजीत, हनुमान से कहते दिख रहे हैं- “ये तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया। मरेगा बेटे आज तू अपनी जान से हाथ धोएगा”
एक अन्य सीन में इंद्रजीत कहते नजर आ रहे है – ”मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेष नाग को लंबा कर दिया। अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है”
इस फिल्म में संवाद के नाम पर टपोरी भाषा का प्रयोग किया गया है। रामायण जैसी विषय पर बनी फिल्म में ऐसे संवादों का इस्तेमाल करने के बारे में कोई सोच भी कैसे सकता है। कई बार समझ नहीं आता कि आखिर डायरेक्टर ओम राउत क्या बनाना चाहते थे। अगर ऐसा ही कुछ बनाना था तो किसी और विषय पर फिल्म बना लेते।
7. हनुमान जी द्वारा पहाड़ उठाकर ले जाने के पीछे गलत तर्क दिया गया।
हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेने जाते हैं तो पूरा पहाड़ ही ले आते हैं। इस फिल्म में इसके पीछे यह तर्क दिया गया है कि संजीवनी बूटी की दोबारा जरूरत पड़ सकती है, जबकि रियल में हनुमान जी पूरा पहाड़ इसलिए उठा लाते हैं क्योंकि उन्हें यह नहीं पता था कि कौन सी संजीवनी बूटी है और कौन सी नहीं।
आदिपुरुष को लेकर नेपाल में भी बवाल (Uproar in Nepal regarding Adipurush)
फिल्म “आदिपुरुष” के डायलॉग को लेकर भारत में तो बवाल मचा हुआ है ही, लेकिन इस फिल्म का एक खास डायलॉग को लेकर हमारे पड़ोसी देश नेपाल में भी विवाद खड़ा हो गया है। आखिर क्या है वो डायलॉग? आइए जानते हैं आदिपुरुष फिल्म रिव्यु (Adipurush Movie Review in Hindi) और उसके डायलॉग के बारे में –
दरअसल इस फिल्म में माता सीता को “भारत की बेटी” बताया गया है। जबकि सीता की जन्मभूमि जनकपुर मानी जाती है, जो नेपाल में स्थित है। इसलिए नेपाल के लोगों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। लोगों की नाराजगी को देखते हुए नेपाल के सेंसर बोर्ड ने इस डायलॉग में “भारत” शब्द को म्यूट कर दिया और फिल्म को सिनेमाघरों में चलाने की इजाजत दे दी।
लेकिन यह बात यहीं तक नहीं रुकी। इसके बाद, काठमांडू के मेयर ने अपने शहर में न केवल “आदिपुरुष” बल्कि सभी हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन पर बैन लगा दिया। हालांकि, नेपाल सरकार ने काठमांडू के मेयर के इस तुगलकी फरमान पर आपत्ति जताई और कहा कि सेंसर बोर्ड के होते हुए मेयर को यह फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। लेकिन यह बात यहीं नहीं रुकी। इसके बाद पोखरा के मेयर ने भी भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर बैन लगाने की घोषणा कर दी।
इसके बाद नेपाल के थिएटर मालिकों ने इस फिल्म को अपने थिएटर्स से हटा दिया क्योंकि मेयर की धमकी के बाद उन्हें अपने थिएटर्स में इस फिल्म को दिखाने में काफी मुश्किलें आ रही थी। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस फिल्म का विवाद कहां जाकर थमता है।
हिंदू सेना ने की फिल्म को बैन करने की मांग (Hindu Sena demands to ban the film)
16 जून को जैसे ही यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई, इसे लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। खासकर हनुमान जी द्वारा बोले गए संवाद के बारे में। फिल्म के डायलॉग राइटर “मनोज मुंतशिर शुक्ला” की भी काफी आलोचना हुई। इस फिल्म में हनुमान जी के संवाद को ऐसे रखा गया है जैसे लोग गलियों में बोलते नजर आते हैं। यह समझ से बाहर है कि हनुमान जी कभी भी ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करते फिर उन्हें ऐसा बोलते हुए क्यों दिखाया गया है।
इसी बीच, हिंदू सेना ने इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग की है। हिंदू सेना की ओर से दायर याचिका में हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
आदिपुरुष को मुकेश खन्ना ने कलयुग की रामायण कहा (Mukesh Khanna called Adipurush the Ramayana of Kalyug)
फिल्म “आदिपुरुष” विवादों के साथ ही 16 जून 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। लेकिन रिलीज के बाद से ही फिल्म की आलोचना हो रही है। एक तरफ जहां यह फिल्म कमाई के मामले में कई रिकॉर्ड अपने नाम किया है, वहीं दूसरी तरफ फिल्म के वीएफएक्स, डायलॉग्स और किरदारों के लुक्स को लेकर नेगेटिव रिव्यू आ रहे हैं। इसी बीच “महाभारत” जैसे धारावाहिक में भीष्म पितामह की भूमिका निभाने वाले मुकेश खन्ना ने भी इस फिल्म के निर्माण पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि- इस फिल्म से बड़ा अपमान रामायण के लिए और कुछ नहीं हो सकता। ओम राउत को रामायण का कोई ज्ञान नहीं है और फिल्म के संवाद लेखक “मनोज मुंतशिर शुक्ला” ने रामायण को कलयुग में बदल दिया। इस तरह के बकवास डायलॉग लिखने के लिए भगवान उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। साथ ही उन्होंने हनुमान जी के रूप पर भी प्रश्न किया कि यदि हनुमान जी स्वयं अपने इस रूप को देखेंगे तो उन्हें ही बहुत दुःख होगा।
निष्कर्ष (Conclusion):
उम्मीद करते है कि आदिपुरुष फिल्म रिव्यु (Adipurush Movie Review in Hindi) के बारे में यह आर्टिकल आपको पसंद आई होगी। आपको यह फिल्म कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसे ही नई फिल्मो का रिव्यु और अपने पसंदीदा अभिनेता के बारे में जानने के लिए NayiSochOnline वेबसाइट के अन्य आर्टिकल को भी पढ़ सकते है।