Shreya Ghoshal

Shreya Ghoshal Biography in Hindi: श्रेया घोषाल आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। मात्र 16 साल की उम्र में उन्हें उनके पहले गाने के लिए ही नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया। बंगाली बाला श्रेया घोषाल को आज बॉलीबुड की “सुरों की रानी” भी कहा जाता है। उन्होंने हिंदी भाषा के साथ-साथ अन्य भाषाओँ जैसे तमिल, तेलगु, कन्नड़, बंगाली और मलयालम भाषा में भी कई गाने गाए हैं। अगर सिर्फ हिंदी भाषा की बात करें तो उन्होंने रोमांटिक सॉन्ग से लेकर आइटम सॉन्ग तक हर तरह के गाने गाए हैं। वह अब तक 6 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड और 4 बार आईफा अवॉर्ड जीत चुकी हैं। इस आर्टिकल में हम श्रेया घोषाल के जीवन परिचय (Shreya Ghoshal Biography in Hindi) के बारे में बात करेंगे, तो उनके बचपन, शिक्षा, करियर, पुरस्कारों के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पढ़िए।

श्रेया घोषाल का बचपन (Childhood of Shreya Ghoshal)

Shreya Ghoshal (श्रेया घोषाल) का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था, लेकिन उनका बचपन रावतभाटा में गुजरा, जो कोटा के पास स्थित है और यह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के अंतर्गत आता है। उनका जन्म 12 मार्च 1984 को मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल में हुआ था और उनका निकनेम “पियु” है। उनके पिताजी विश्वजीत घोषाल भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (BARC) में एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे और माताजी शर्मिष्ठा घोषाल साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएट थी और एक अच्छी गायिका भी थीं। उनका एक भाई है जिसका नाम “सौम्यदीप घोषाल” है।

उनकी मां ने चार साल की उम्र में ही उन्हें संगीत की शिक्षा देना शुरू कर दिए थे, इसलिए वह अपनी माँ को अपना पहला गुरु मानती है। इसी के साथ उन्होंने संगीत की दुनिया में अपना पहला कदम रखा। इसके बाद उन्होंने कोटा में महेशचंद्र शर्मा से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली।

बचपन में ही उन्होंने जी टीवी पर प्रसारित होने वाली “सा रे गा मा पा” की चिल्ड्रन स्पेशल प्रतियोगिता का ख़िताब अपने नाम किया। उस समय सोनू निगम उस प्रतियोगिता को होस्ट कर रहे थे। इस प्रतियोगिता में जज की भूमिका में रहे कल्याणजी भाई ने ही श्रेया के माता-पिता को मुंबई आने को कहा था. इसके बाद श्रेया ने करीब 18 महीने तक कल्याणजी भाई से संगीत की शिक्षा ली।

5 फरवरी 2015 को श्रेया घोषाल ने अपने बचपन के दोस्त “शिलादित्य” से शादी की। साल 2021 में उन्होंने एक बेबी बॉय को जन्म दिया, जिसका नाम “देवायन मुखोपाध्याय” रखा गया।

श्रेया घोषाल की शिक्षा (Education of Shreya Ghoshal)

Shreya Ghoshal (श्रेया घोषाल) ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एटॉमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल (AECS), रावतभाटा से की। उसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई मुंबई के अणुशक्तिनगर से की। उसके बाद उन्होंने एसआईईएस (SIES) कॉलेज से कला संकाय से स्नातक किया।

Shreya Ghoshal Biography in Hindi

श्रेया घोषाल का करियर (Career of Shreya Ghoshal)

प्रारंभिक करियर (Early Career)

6 साल की उम्र में श्रेया ने एक क्लब फंक्शन में अपना पहला स्टेज परफॉरमेंस दिया था।

साल 1995 में, उन्होंने दिल्ली में संगम कला समूह द्वारा आयोजित इंडिया लाइट वोकल प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया।

साल 1998 में उन्होंने एक बंगाली एल्बम रिकॉर्ड किया, इसमें कुल 14  गाने शामिल थे। वह ज्यादातर बंगाली गानों पर ही रियाज भी किया करती थीं।

उन्होंने ज़ी टीवी पर प्रसारित होने वाली “सा रे गा मा पा” के चाइल्ड स्पेशल कार्यक्रम में हिस्सा लिया और वह इस प्रतियोगिता की विजेता रही थीं। उस समय इस कार्यक्रम को आज के महान गायक सोनू निगम होस्ट कर रहे थे। श्रेया ने शो में अपने प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उन्हें खूब वाहवाही मिली।

सिंगिंग करियर (Singing Career)

वर्ष 2000 में, जब वह दूसरी बार “सा रे गा मा पा” की वयस्कों की प्रतियोगिता में परफॉर्म कर रही थीं। तब बॉलीवुड के महान निर्देशक संजय लीला भंसाली पहली बार उन्हें गाते हुए सुना और उन्होंने अपनी फिल्म “देवदास” के लिए उन्हें गाने का मौका दिया और उन्होंने इस फिल्म में कुल पांच गाने गाए। यह उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पल था।

श्रेया घोषाल (Shreya Ghoshal) ने मात्र 16 साल की उम्र में ही अपना पहला गाना “बैरी पिया” महान गायक उदित नारायण जी के साथ गायी थीं। इस गाने के लिए उन्हें उस वर्ष का नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा इस गाने के लिए उन्हें बेस्ट प्लेबैक सिंगर के कई अवॉर्ड भी मिले थे।

उसके बाद, उन्होंने फिल्म जिस्म के लिए “जादू है नशा है” और “चलो तुमको लेकर” गाने गाए, जिसके लिए भी उन्हें कई पुरस्कार मिले और लोगों ने उनके गायन की प्रशंसा की। इसके बाद तो उनके सामने गानों की लाइन लग गई। उन्हें हर तरह के गानों के ऑफर मिलने लगे और उन्हें हर बड़े म्यूजिक डायरेक्टर के साथ काम करने का मौका मिला।

वर्ष 2005 में, उन्होंने फिल्म “पहेली” के लिए “धीरे चलना” गीत गाया। जिसे लोगों ने खूब पसंद किया और इस गाने के लिए उन्हें एक बार फिर नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने रोग, जहर, विवाह जैसी कई फिल्मों में गाना गाया और वह बॉलीवुड की टॉप गायिकों में शामिल हो गई।

वर्ष 2007 भी उनके लिए काफी अच्छा रहा। इसी साल उन्होंने फिल्म “खोया खोया चाँद” के लिए ठुमरी गाना गाया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। इसी साल फिल्म “जब वी मेट” के गाने “ये इशक हाय” के लिए उन्हें एक बार फिर नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

श्रेया घोषाल का पुरस्कार (Award & of Shreya Ghoshal)

साल 2002 में फिल्म “देवदास” के गाना “बैरी पिया” के लिए उन्हें पहली बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

Year 2003 (साल 2003)

  • साल 2003 में, उन्हें न्यु म्यूजिक टैलेंट के लिए फ़िल्मफ़ेयर आर॰ डी॰ बर्मन अवॉर्ड से नवाजा गया था।
  • साल 2003 में, फिल्म “देवदास” के गाना “डोला रे” के लिए उन्हें पहले फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
  • इसी साल 2003 में, फिल्म “देवदास” का गाना “डोला रे” के लिए उन्हें कविता कृष्णमूर्ति के साथ आइफा अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। 
  • साल 2003, में फिल्म “देवदास” का गाना “डोला रे” के लिए उन्हें ज़ी सिने अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।

Year 2004 (साल 2004)

  • साल 2004 में फिल्म “जिस्म” के गाने “जादू है नशा है” के लिए उन्हें दूसरी बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • इसी साल 2004 में, फिल्म “जिस्म” के गाने “जादू है नशा है” के लिए उन्हें दूसरी बार आईफा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 
  • साल 2004 में फिल्म “जिस्म” के गाने “जादू है नशा है” के लिए उन्हें स्टार स्क्रीन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

साल 2006 (Year 2006)

  • साल 2006 में, फिल्म “पहेली” के गाने “धीरे चलना” के लिए उन्हें दूसरी बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • साल 2006 में, फिल्म “परिनीता” के गाने “पियु बोले” के लिए उन्हें दूसरी बार ज़ी सिने अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • इसी साल 2006 में, फिल्म “परिनीता” के गाने “पीयू बोले” के लिए उन्हें दूसरी बार स्टार स्क्रीन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

Year 2007 (साल 2007)

  • साल 2007 में, फिल्म “जब वी मेट” के गाने “ये इश्क़ हाय” के लिए उन्होंने तीसरी बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड अपने नाम किया।
  • साल 2007 में, तमिल फिल्म “सीलुनु ओरु काढाल” के गाने “मुन्बे वा” के लिए उन्हें साउथ का फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

Year 2008 (साल 2008)

  • साल 2008 में, फिल्म “गुरु” के गाने “बरसो रे मेघा मेघा” के लिए उन्हें तीसरी बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • साल 2008 में, कन्नड़ फिल्म “मुस्सनजेमातु” के गाने “निंना नोदालेंत्हू” के लिए उन्हें दूसरी बार साउथ का फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • इसी साल 2008 में, फिल्म “गुरु” के गाने “बरसो रे मेघा मेघा” के लिए उन्हें तीसरी बार आइफा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • साल 2008 में, फिल्म “गुरु” के गाने “बरसो रे मेघा मेघा” के लिए उन्हें तीसरी बार ज़ी सिने अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया।
  • साल 2008 में, फिल्म “गुरु” के गाने “बरसो रे मेघा मेघा” के लिए उन्हें तीसरी बार स्टार स्क्रीन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

साल 2009 (Year 2009)

  • साल 2009 में, फिल्म “सिंह इस किंग” के गाने “तेरी ओर” के लिए उन्हें चौथी बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
  • साल 2009 में, फिल्म “सिंह इस किंग” के गाने “तेरी ओर” के लिए उन्हें चौथी बार आइफा अवॉर्ड  से सम्मानित किया गया।

Year 2012-14 (साल 2012-14)

  • साल 2012 में फिल्म “शोर इन द सिटी” के गाने “साईबो” के लिए उन्हें चौथी बार ज़ी सिने अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • साल 2013 में फिल्म “जब तक है जान” के गाने “साँस में तेरी” के लिए उन्हें पांचवीं बार ज़ी सिने अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • इसी साल 2014 में फिल्म “आशिकी2” के गाने “सुन रहा है ना तुम” के लिए उन्हें छठी बार ज़ी सिने अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

Year 2016 (साल 2016)

  • साल 2016 में फिल्म “बाजीराव मस्तानी” के गाने “दीवानी मस्तानी” के लिए उन्हें पांचवीं बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • साल 2016 में फिल्म “बाजीराव मस्तानी” के गाने “मोहे रंग दो लाल” के लिए उन्हें सातवीं बार ज़ी सिने अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

श्रेया घोषाल टीवी जज के रूप में (Shreya Ghoshal as a Judge)

श्रेया घोषाल टीवी पर आने वाले कई कार्यक्रमों में जज की भूमिका में भी नजर आ चुकी हैं। वह पहली बार 2007 में कुणाल गांजेवाला और प्रीतम के साथ “स्टार वॉयस ऑफ इंडिया छोटे उस्ताद” में जज की भूमिका में नजर आये थे।

उसके बाद उन्हें संजय लीला भंसाली और सोनू निगम के साथ “एक्स फैक्टर इंडिया” में जज के रूप में देखा गया।

इसके बाद वह शंकर महादेवा, मीका सिंह, शान, हिमेश रेशमिया और मोहित चौहान के साथ “म्यूजिक का महामुकबाला” में कैप्टेन जज के रूप में नजर आये थे।

इसके अलावा वह साल 2013 में “इंडियन आइडल जूनियर” के पहले सीजन में भी जज भी रह चुकी हैं।

श्रेया घोषाल के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts about Shreya Ghoshal)

  • वह 4 साल की उम्र से ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था।
  • “कल्याणजी भाई” उनके संगीत के गुरु थे और उन्होंने संगीत की शुरूआती शिक्षा अपनी माँ से सीखी थी।
  • “Bendhechhi Beena” उनकी पहली एल्बम थी।, जो 1 जनवरी 1998 को जारी किया गया था। यह बंगाली भाषा में था और इसमें कुल 14 गाने शामिल थे।
  • अगर वह एक गायिका नहीं होती, तो वह एक अंतरिक्ष यात्री या आनुवंशिक इंजीनियर होती।
  • साल 2011 में, उन्होंने ज्वेलरी के दुकान “जोयालुक्कास” के लिए एक विज्ञापन किया था, जिसे पाँच अलग अलग भाषाओँ हिंदी, तमिल, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगू में प्रसारित किया गया था।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में एक राज्य “ओहियो” के राज्यपाल “टेड स्ट्रिकलैंड” ने 26 जून 2010 को श्रेया घोषाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
  • श्रेया घोषाल ने हिंदी के अलावा तमिल, तेलगु, कन्नड़, बंगाली और मलयालम भाषा में भी कई गाने गाए हैं।
  • इसके अलावा वह कई टीवी शो में बतौर जज भी नजर आई है जैसे – “स्टार वोइस ऑफ़ इंडिया छोटे उस्ताद”, “X फैक्टर इंडिया”, “म्यूजिक का महामुकबला” और “इंडियन आइडल जूनियर” इत्यादि

साल 2012 में फोर्ब्स मैगज़ीन के द्वारा जारी की गई 100 लोकप्रिय हस्तियों की सूची में भी उन्हें शामिल किया गया था। 

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

श्रेया घोषाल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

12 मार्च 1984 को मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल में

श्रेया घोषाल का सबसे पहला गाना कौन था?

“बेरी पिया” (देवदास)

श्रेया घोषाल का निक नेम क्या है ?

पियु

श्रेया घोषाल की सबसे पहला एल्बम कौन सा था और किस भाषा में था?

“Bendhechhi Beena” बंगाली भाषा में

श्रेया घोषाल के पति का क्या नाम है और वह क्या करते है?

शिलादित्य (बिजनेसमैन)

अमेरिका का एक राज्य “ओहियो” ने किस दिन को “श्रेया घोषाल दिवस” मनाने का फैसला किया?

26 जून 2010

निष्कर्ष (Conclusion)

बॉलीबुड की “सुरो की रानी” कही जाने वाली श्रेया घोषाल (Shreya Ghoshal) को 16 साल की उम्र में ही बेहतरीन गायकी के लिए नेशनल अवॉर्ड और आइफा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वह 6 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड और 4 बार आईफा अवॉर्ड जीत चुकी हैं। उन्होंने हिंदी भाषा के अलावा तमिल, तेलुगु, बंगाली, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में भी गाने गाए हैं। इतनी कम उम्र में यह सब हासिल करना बहुत बड़ी बात है। उनकी यही बात उन्हें दूसरे गायकों से अलग बनाती है। इस आर्टिकल में आपने श्रेया घोषाल के जीवन परिचय (Shreya Ghoshal Biography in Hindi) के बारे में विस्तार से जाना। उनके बारे में यह जानकारी आपको कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसे ही नई नई जानकारियों के लिए NayiSochOnline के दूसरे आर्टिकल्स को भी पढ़ सकते है। इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *